गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल में नॉलेज हब का शुभारंभ | 31 May 2023
चर्चा में क्यों?
30 मई, 2023 को मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल में बीटा थैलेसीमिया और हीमोग्लोबिनोपैथी के नियंत्रण और रोकथाम के लिये क्षमतावर्धन हेतु नॉलेज हब का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि नॉलेज हब के माध्यम से बीटा थैलेसीमिया सहित विभिन्न रक्त विकारों की पहचान, उपचार एवं रोकथाम में सहायता मिलेगी।
- मंत्री सारंग ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के राज्य हीमोग्लोबिनपैथी मिशन में ईको इंडिया के सहयोग से गांधी चिकित्सा महाविद्यालय में नॉलेज हब की स्थापना की गई है। इससे प्रदेश के 50 ज़िलों में बीटा थैलेसीमिया और हीमोग्लोबिनोपैथी पर केंद्रित चिकित्सकों की क्षमता वृद्धि कार्यक्रम में 150 डॉक्टर्स के शुरूआती समूह के लिये प्रशिक्षण-सत्र शुरू किया गया है।
- उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा में मेडिकल के साथ ही इंजीनियरिंग के समावेश से सुदूर इलाकों के चिकित्सकों को भी गंभीर बीमारियों के उपचार में सहायता मिलेगी। साथ ही जाँच, प्रारंभिक निदान, उपचार और समग्र आनुवंशिक रक्त विकारों में चिकित्सकों के कौशल में वृद्धि होगी।
- स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि सिकल सेल उन्मूलन मिशन में सिकल सेल एनीमिया, थैलिसिमिया और अन्य हीमोग्लोबिनोपैथी के विकारों से पीड़ित लोगों की स्क्रीनिंग, रेफरल और प्रबंधन की प्रणाली स्थापित की गई है। मिशन के प्रथम चरण में प्रदेश के 2 जनजाति बहुल ज़िले झाबुआ और अलीराजपुर में पायलट प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है।
- गौरतलब है कि बीटा थैलिसीमिया एक गंभीर आनुवंशिक रक्त जनित रोग है, जिसे कुली एनीमिया भी कहा जाता है। इसके कारण शरीर की कोशिकाओं में ऑक्सीजन का पहुँचना कम हो जाता है। इसका सबसे अधिक खतरा कम आयु के शिशुओं को है।
- इसकी उत्पत्ति मानव जीन में असामान्यता से होती है। यदि नवजात शिशु के माता-पिता में से कोई भी थैलिसीमिया से ग्रसित है, तो शिशु में भी यह रोग होने की 25 प्रतिशत संभावना होती है। यदि माता-पिता दोनों इस रोग से ग्रसित हैं, तो शिशु में इसकी संभावना 50 प्रतिशत तक होती है। सही समय पर जाँच एवं उपचार से मरीज को बचाया जा सकता है।