उत्तराखंड शुरू करेगा ‘किसान प्रोत्साहन योजना’ | 04 Aug 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारत सरकार की ‘किसान सम्मान निधि योजना’ की तर्ज पर उत्तराखंड में ‘किसान प्रोत्साहन योजना (केपीवाई)’ शुरू करने की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने यह घोषणा सहकारिता विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान की। हालाँकि मुख्यमंत्री ने केपीवाई का पूरा विवरण नहीं दिया, उन्होंने कहा कि सरकार की मुख्य प्राथमिकताओं में से एक किसानों की आय को दोगुना करना है।
- गौरतलब है कि 24 फरवरी, 2019 से लागू प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना भारत सरकार की महत्त्वपूर्ण योजनाओं में से एक है। इसके अंतर्गत छोटे और सीमांत किसानों, जिनके पास 2 हेक्टेयर (4.9 एकड़) से कम भूमि हो, को सरकार आर्थिक सहायता प्रदान करती है।
- इस योजना के तहत सभी किसानों को न्यूनतम आय सहायता के रूप में प्रतिवर्ष 6 हज़ार रुपए (तीन महीने में 2,000 रुपए) की राशि प्रदान की जाती है।
- कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 108 बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (एम पैक्स) के कंप्यूटरीकरण का उद्घाटन किया और मवेशियों के लिये कुल मिक्स राशन (टीएमआर) तैयार करने के लिये चारबा इकाई शुरू की।
- इस अवसर पर सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि सहकारिता विभाग की ओर से 13 लाख सदस्यों के डाटा के संग्रहण व डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया की गई है। उन्होंने दावा किया कि उत्तराखंड 108 एमपीएसीएस को ऑनलाइन करने वाला पहला राज्य बन गया है।
- उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग ने 41 लाख हितग्राहियों को ब्याज मुक्त ऋण के रूप में 3700 करोड़ रुपए से अधिक का वितरण किया है। सहकारी बैंकों की गैर निष्पादित आस्तियाँ (एनपीए) घटी हैं और वे अब लाभ में आ गई हैं।
- उन्होंने कहा कि महत्त्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री घास्यारी कल्याण योजना (एमजीकेवाई)’ का तीन लाख से अधिक महिलाओं ने लाभ उठाया है। एमजीकेवाई को 15 अगस्त से राज्य के सभी पर्वतीय ज़िलों में विस्तारित किया जाएगा।