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थाईलैंड में खरगौन की बेटियों ने एशियन कैनो स्लैलम में जीते चार पदक

  • 25 May 2023
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

23 मई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार थाईलैंड के पटाया में संपन्न हुई एशियन कैनो स्लैलम प्रतियोगिता में खरगौन ज़िले की महेश्वर की बेटियों ने सफलता का परचम लहराते हुए चार पदक जीते हैं।  

प्रमुख बिंदु  

  • खेल अधिकारी पवि दुबे ने बताया कि युवा कल्याण वाटर स्पोर्ट्स कैनो स्लैलम प्रतियोगिता में 11 खिलाड़ियों ने देश का प्रतिनिधित्व किया। इसमें मध्य प्रदेश के खरगौन ज़िले से शिखा चौहान दो कांस्य, भूमि बघेल एक कांस्य और अहाना यादव एक कांस्य पदक विजेता रहीं।   
  • कैनो स्लैलम काफी तेज बहाव वाले पानी में संतुलन बनाने का खेल है। कैनो स्लैलम में प्रतियोगी, 300 मीटर तक की दूरी वाले व्हाइट वाटर कोर्स पर प्रतिस्पर्धा करते हैं, जहाँ उन्हें अधिकतम 25 अपस्ट्रीम (पानी की धारा के विपरीत) और डाउनस्ट्रीम (पानी की धारा की दिशा में) गेट से जल्दी-से-जल्दी पार होना होता है। 
  • इस खेल में दो प्रकार की नाव इस्तेमाल की जाती है: पहला कैनो होता है, जिसे हिन्दी में डोंगी भी कहा जाता है। कैनो एक खास प्रकार की नाव होती है जो लंबी, सँकरी और काफी हल्की होती है। कैनो के साथ एथलीट को नीलिंग (घुटनों के बल) पोजीशन में बाँधा जाता है और वे एक चप्पू (सिंगल-ब्लेड पैडल) के प्रयोग से नाव को आगे बढ़ाते हैं। 
  • वहीं दूसरे प्रकार की नाव को ‘कायक’कहते हैं, जिसमें डबल ब्लेडेड पैडल (चप्पू) होते हैं। इसमें एथलीट बैठकर दो चप्पूओं का इस्तेमाल करते हुए रेस में हिस्सा लेते हैं। 
  • विदित है कि 1930 के दशक की शुरुआत में स्विट्ज़रलैंड में कैनो स्लैलम की शुरुआत शीतकालीन खेलों में शामिल स्लैलम स्कीइंग के ग्रीष्मकालीन खेलों के विकल्प के रूप में की गई थी। हालाँकि शुरुआती दौर में रेस व्हाइटवाटर कोर्स की बजाय फ्लैटवाटर पर होती थी।

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