उत्तर प्रदेश
‘खादी महोत्सव एवं सिल्क एक्सपो-2021’
- 20 Oct 2021
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चर्चा में क्यों?
19 अक्तूबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत खादी महोत्सव एवं सिल्क एक्सपो-2021 का उद्घाटन किया। उत्तर प्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड एवं रेशम विभाग द्वारा आयोजित यह प्रदर्शनी 30 अक्तूबर, 2021 तक चलेगी।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पंडित दीनदयाल खादी विपणन विकास सहायता योजना, मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोज़गार योजना एवं प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम के लाभार्थियों को चेक, ऋण स्वीकृति प्रमाण-पत्र एवं राज्यस्तरीय पुरस्कार प्रदान किये। साथ ही, पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेशम उत्पादकता पुरस्कार भी वितरित किये।
- इसके पूर्व उन्होंने सोलर चरखे, विद्युतचालित चाक, दोना-पत्तल निर्माण मशीनें एवं माटी कला बोर्ड के लाभार्थियों को टूलकिट वितरित किये।
- पंडित दीनदयाल उपाध्याय खादी विपणन विकास सहायता योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक 307 खादी संस्थाओं के 33 करोड़ 37 लाख 62 हज़ार रुपए के दावों का भुगतान किया गया। इसमें खादी संस्थाओं में कार्यरत् 1 लाख 61 हज़ार 345 कामगारों को 9 करोड़ 52 लाख 92 हज़ार रुपए के प्रोत्साहन बोनस का भुगतान किया गया।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में 136 खादी संस्थाओं को 4 करोड़ 87 लाख 35 हज़ार रुपए के दावों का भुगतान किया गया। इसमें 25,474 कामगारों को 1 करोड़ 65 लाख 70 हज़ार रुपए प्रोत्साहन बोनस का भुगतान किया गया।
- खादी और ग्रामोद्योग विकास एवं सतत् स्वरोज़गार प्रोत्साहन नीति के अंतर्गत टूलकिट्स कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत खादी उत्पादन में वृद्धि एवं खादी कामगारों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से खादी संस्थाओं को नि:शुल्क सोलर चरखे का वितरण किया गया है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 3 वर्षों में 3,803 लाभार्थियों को नि:शुल्क टूलकिट्स तथा सोलर चरखे, विद्युतचालित कुम्हारी चाक, दोना-पत्तल मशीन एवं आधुनिक भट्ठी-पगमिल वितरित किये गए हैं। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 2,501 टूलकिट्स के वितरण का लक्ष्य है।
- उन्होंने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग विकास एवं सतत् स्वरोज़गार प्रोत्साहन मशीन (पॉपकॉर्न मेकिंग मशीन) तथा दोना-पत्तल कार्य में लगे परंपरागत एवं अन्य संबंधित कारीगरों को नि:शुल्क दोना-पत्तल मेकिंग मशीनों का वितरण कराया गया है।
- उत्तर प्रदेश के कुल 57 जनपदों में 3 अलग प्रकार के रेशम का उत्पादन होता है। मैदानी क्षेत्र के 44 जनपदों में शहतूती रेशम, विंध्याचल व बुंदेलखंड के 13 जनपदों में टसर रेशम तथा यमुना के तटीय 8 जनपदों में एरी रेशम का उत्पादन होता है। प्रदेश की रेशम की खपत 3 हज़ार मीट्रिक टन है, जबकि रेशम का उत्पादन 300 मीट्रिक टन है।
- रेशम उत्पादन हेतु वृक्षारोपण, कोया उत्पादन व धागाकरण हेतु केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को 75 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों को 90 प्रतिशत उत्पादन का अनुदान व नि:शुल्क प्रशिक्षण एवं तकनीकी सहायता दी जाती है।
- राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2018 में मिर्ज़ापुर स्थित ‘लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल राजकीय प्रशिक्षण संस्थान’ का निर्माण पूर्ण कराकर प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। इसी तरह वर्ष 2019 में जनपद पीलीभीत और बहराइच में एक-एक रीलिंग मशीन की स्थापना कराकर प्रदेश में ही धागाकरण कराया जा रहा है। इस वित्तीय वर्ष में 13 और रीलिंग मशीनों की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।