केन-बेतवा लिंक परियोजना | 16 Feb 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राष्ट्रीय नदी जोड़ो नीति के तहत केन-बेतवा लिंक परियोजना (उतर प्रदेश-मध्य प्रदेश) को लागू करने के लिये केंद्र सरकार द्वारा एक संचालन समिति एवं केन-बेतवा लिंक परियोजना प्राधिकरण (केबीएलपीए) का गठन किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- इस 20 सदस्यीय समिति की अध्यक्षता जल शक्ति मंत्रालय के सचिव द्वारा की जाएगी। राष्ट्रीय जल विकास प्राधिकरण के मुख्य अभियंता इसके सदस्य सचिव होंगे।
- संचालन समिति समझौता ज्ञापन के प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करेगी, केबीएलपीए के लिये मौलिक प्रशासनिक नीतियों, उपनियमों और मानदंडों को मंज़ूरी देगी, अपने वार्षिक बजट, वित्तीय विवरणों को मंज़ूरी देने और जाँचने के अलावा अपने दायित्वों एवं ऋण संबंधी प्रस्तावों पर निर्णय लेगी।
- सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, केन-बेतवा लिंक परियोजना प्राधिकरण दौधन बांध, बिजली घर, केन-बेतवा लिंक जल वाहक नहर, सुरंग, लोअर परियोजना, कोठा बैराज तथा बिना कॉम्प्लेक्स बहुउद्देशीय परियोजना के निष्पादन के लिये ज़िम्मेदार होगा।
- केबीएलपीए का नेतृत्व भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव के स्तर के एक मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा किया जाएगा।
- केन-बेतवा लिंक परियोजना में मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के 13 ज़िले आते हैं। इनमें मध्य प्रदेश के 9 ज़िले- पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी और रायसेन शामिल हैं। वहीं उत्तर प्रदेश के बाँदा, महोबा, झाँसी और ललितपुर ज़िले हैं।
- इस पूरी योजना से इन सभी ज़िलों की करीब 10 लाख हेक्टेयर ज़मीन पर सिंचाई हो सकेगी और 62 लाख लोगों को पीने का साफ पानी मिल सकेगा। इस प्रोजेक्ट के तहत 103 मेगावाट हाइड्रो पावर और 27 मेगावाट की क्षमता वाला सोलर प्लांट भी बनाया जाएगा।