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उत्तराखंड

प्लास्टिक कचरा प्रबंधन में केदारनाथ धाम शिखर पर

  • 06 Nov 2023
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

4 नवंबर, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार नई दिल्ली में शहरी एवं आवास मंत्रालय और राष्ट्रीय नगरीय कार्य संस्थान की ओर से प्लास्टिक और ठोस कूड़ा प्रबंधन के लिये आयोजित अर्बन लार्ननाथोन में सभी राज्यों के शहरी निकायों में उत्तराखंड का केदारनाथ धाम प्लास्टिक कचरा प्रबंधन में देशभर में शिखर पर रहा। 

प्रमुख बिंदु 

  • देशभर में उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में प्लास्टिक कचरा संग्रहण के लिये लागू डिजिटल डिपोजिट रिफंड सिस्टम को पहला स्थान मिला है, जबकि बैणी सेना स्वयं सहायता समूह हल्द्वानी ठोस कूड़ा प्रबंधन में दूसरे स्थान पर रहा। 
  • नगर निगम हल्द्वानी में बैणी सेना स्वयं सहायता समूह 57 वार्डों में घर-घर कूड़ा संग्रहण कर रहा है। इसके साथ सिंगल यूज़ प्लास्टिक, सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा न फेंकने के लिये लोगों को जागरूक कर रहा है। 70 प्रतिशत परिवारों और दुकानों से यूज़र चार्ज लेकर समूह प्रतिमाह 35 लाख रुपए की आय प्राप्त कर रहा है। 
  • कार्यक्रम में शहरी एवं आवास मंत्रालय ने उत्तराखंड को अर्बन लार्ननाथोन-2023 के विजेता और उपविजेता का पुरस्कार दिया। नगर निगम हल्द्वानी के मेयर जोगेंद्र रौतेला और शहरी विकास विभाग के सहायक निदेशक विनोद कुमार ने पुरस्कार प्राप्त किया। 
  • विदित है कि पिछली चारधाम यात्रा में रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन और शहरी विकास विभाग ने केदारनाथ धाम में प्लास्टिक कूड़ा संग्रहण के लिये डिजिटल डिपोजिट रिफंड सिस्टम को लागू किया था।  
  • 7 जनवरी, 2023 को केंद्र सरकार ने इस सिस्टम को राष्ट्रीय डिजिटल पुरस्कार से सम्मानित किया। इस प्रबंधन के तहत ऊखीमठ विकासखंड को प्लास्टिक रेगुलेटेड ज़ोन घोषित किया गया। 
  • इसके अलावा प्लास्टिक पानी की बोतल पर क्यूआर लगाए गए। क्यूआर कोड के आधार पर विक्रेता ग्राहक से अतिरिक्त धनराशि लेता था। खरीदने वाला व्यक्ति जब खाली बोतल को निर्धारित दुकानों पर वापस लौटाता है तो उसे अतिरिक्त राशि लौटाई जाती है। केदारनाथ धाम में 15 डिजिटल डिपोजिट रिफंड सिस्टम केंद्र बनाए गए।

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