करनाल सीएसएसआरआई ने खोजी सरसों बीज की तीन नई किस्में | 10 Oct 2023

चर्चा में क्यों?

10 अक्तूबर, 2023 को केंद्रीय मृदा एवं लवणता अनुसंधान संस्थान (सीएसएसआरआई), करनाल के प्रधान वैज्ञानिक (सरसों प्रजनन) डॉ. जोगेंद्र सिंह ने बताया कि सीएसएसआरआई ने हरियाणा, पंजाब, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के लवणग्रस्त (क्षारीय एवं लवणीय) भूमि वाले इलाकों के लिये सरसों की तीन किस्में ईजाद की हैं।

प्रमुख बिंदु

  • डॉ. जोगेंद्र सिंह ने बताया कि सरसों की इन तीनों किस्मों का बीज किसानों को 2024 में उपलब्ध कराया जाएगा। इससे उन क्षेत्रों में भी सरसों की फसल लहलहाएगी, जहाँ अभी एक दाना भी सरसों का पैदा नहीं होता है। हालाँकि सरसों की कुछ लवणसहनशील किस्में पहले से हैं, जिनका बीज संस्थान ने वितरण करना शुरू कर दिया है।
  • गौरतलब है कि हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्से के साथ-साथ खासतौर पर उत्तर प्रदेश के इटावा, हरदोई, प्रतापगढ़, कौशांबी, अवध क्षेत्र, लखनऊ, कानपुर आदि एक बड़ा भूभाग क्षारीय है, जहाँ अभी सरसों की पैदावार होती ही नहीं है। ऐसे क्षेत्रों में लवणसहनशील किस्मों के बीज काफी लाभकारी साबित होंगे।
  • सीएसएसआरआई के वैज्ञानिकों ने सोडिक यानी क्षारीय भूमि क्षेत्रों के लिये सीएस-61, सीएस-62 और सीएस-64 तैयार की हैं। दो प्रजातियाँ उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के लिये अनुशंसित कर दी हैं। तीसरी किस्म सीएस-64 को केंद्रीय कृषि विमोचन समिति ने रिलीज़ कर दिया है।
  • शीघ्र ही तीनों किस्मों को उत्तर सहित कई और राज्य भी किसानों के लिये रिलीज़ कर सकते हैं। फिलहाल उत्तर प्रदेश, हरियाणा में इन किस्मों के बीज 2024 में किसानों को उपलब्ध हो सकेंगे।
  • हालांकि हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सहित कई राज्यों के लिये संस्थान में तैयार की गई लवणरोधी किस्में सीएस-56, सीएस-58 और सीएस-60 को पहले ही रिलीज़ किया जा चुका है। इन किस्मों का बीज तैयार कर लिया गया है और संस्थान ने बीजों का वितरण भी शुरू कर दिया है।
  • डॉ. जोगेंद्र सिंह ने बताया कि सामान्य परिस्थिति में इन नई किस्मों की पैदावार 27 से 29 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होगी, जबकि सोडिक (क्षारीय भूमि) क्षेत्र में 21 से 23 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होगी। इन नई किस्मों में तेल की मात्रा 41 प्रतिशत होगी और अन्य में 38 प्रतिशत होती है।
  • सरसों की तीनों नई किस्में (सीएस-61, सीएस-62 और सीएस-64) 9.4 पीएच मान तक सहनशील हैं। 6.5 से 7.5 पीएच मान सामान्य होता है।