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छत्तीसगढ़

करमा एथनिक रिसॉर्ट मैनपाट व जोहर मोटल का हुआ लोकार्पण

  • 24 Dec 2022
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

23 दिसंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ शासन के पर्यटन, लोक निर्माण, गृह, जेल एवं धर्मस्व मंत्री ताम्रध्वज साहू के मुख्य आतिथ्य एवं खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में मैनपाट के कमलेश्वरपुर में आयोजित समारोह में ‘करमा एथनिक रिसॉर्ट’व ‘जोहर मोटल’ सोनतराई का लोकार्पण हुआ।

प्रमुख बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने विभिन्न थीमों पर आधारित पर्यटन विकास की ‘स्वदेश दर्शन योजना’वर्ष 2015-16 में प्रारंभ की थी, जिसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ में यहाँ की आदिवासी/जनजातीय एवं ग्रामीण संस्कृति से पर्यटकों को परिचित कराने के उद्देश्य से वर्ष 2016 में ‘ट्राइबल टूरिज्म सर्किट’की परियोजना स्वीकृत की गई। इस परियोजना में प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों के कुल 13 डेस्टीनेशन्स को विकसित किया गया है।
  • इस परियोजना के ‘ट्राइबल टूरिज्म सर्किट’के अंतर्गत कमलेश्वरपुर (मैनपाट) में ‘ईको एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन’के रूप में ‘करमा एथनिक रिसॉर्ट’विकसित किया गया है। यह रिसॉर्ट सरगुजा क्षेत्र के ग्रामीण परिवेश की थीम पर 21 करोड़ 37 लाख रुपए की लागत से तैयार किया गया है। राज्य सरकार के द्वारा इस परियोजना के लिये कमलेश्वरपुर में 46 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई गई थी।
  • स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत निर्मित करमा एथनिक रिसॉर्ट में पर्यटकों को ठहरने की सुविधा के साथ यहाँ की जनजातीय परंपरा, स्थानीय एवं तिब्बती संस्कृति को करीब से जानने-समझने का मौका मिलेगा।
  • ‘करमा एथनिक रिसॉर्ट’कमलेश्वरपुर (मैनपाट) में टूरिस्ट रिसेप्शन एवं सुविधा केंद्र, 20 कक्ष (क्राफ्ट एवं हर्बल हाट-आर्टिसन सेंटर), कैफेटेरिया, ओपन एम्फीथिएटर, सोवेनियर शॉप, ट्राइबल इंटरप्रिटेशन सेंटर, ट्राइबल वर्कशाप सेंटर, 2 इलेक्ट्रिक व्हीकल (8 सीटर), इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन, साइकल ट्रैक (प्रकाशीकरण सहित) समेत उच्चस्तरीय सुविधाएँ स्थापित की गई हैं, जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेंगी।
  • ‘सोनतराई मोटल, सीतापुर’में 5 कक्ष, डारमेटरी हॉल, लॉन, कैफेटेरिया (डायनिंग हॉल), स्टोर रूम, पार्किंग जैसी सुविधाओं का निर्माण किया गया है।
  • इस योजना के परिचालन से मैनपाट में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी, पर्यटकों को रुकने के लिये अन्य आवास सुविधा के साथ ग्रामीण परिवेश में रुकने का अतिरिक्त विकल्प उपलब्ध होगा, स्थानीय लोगों को रोज़गार एवं आय के अतिरिक्त स्रोत उपलब्ध होंगे। यहाँ स्थानीय लोगों एवं हस्तशिल्प कलाकारों के साथ पर्यटकों को हस्तशिल्प प्रशिक्षण दिया जा सकेगा।
  • इसके अलावा स्थानीय तिब्बतियन संस्कृति से भी पर्यटक परिचित होंगे, जिससे उनके द्वारा निर्मित प्रोडक्ट्स का विक्रय बढ़ेगा, स्थानीय हस्तशिल्प, वनउपज/हर्बल प्रोडक्ट का विक्रय के लिये सोवेनियर शॉप्स में स्थान उपलब्ध होगा, व्यावसायिक दृष्टि से कॉन्फ्रेंस सुविधा उपलब्ध हो सकेगी, मैनपाट में भविष्य में होमस्टे को बढ़ावा मिलेगा एवं अन्य पर्यटन गतिविधियों में भी बढ़ोतरी होगी।
  • समारोह को संबोधित करते हुए पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि करमा एथनिक रिसॉर्ट के शुरू होने से पर्यटक यहाँ रुकेंगे, जिससे मैनपाट में होम स्टे को बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय लोगों को रोज़गार मिलेगा। यहाँ के हस्तशिल्प को मार्केट मिलेगा। 
  • छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव ने कहा कि मैनपाट को छत्तीसगढ़ का शिमला कहा जाता है। मैनपाट प्रदेश के अन्य हिल स्टेशन से अलग है। यहाँ की ‘जलजली’ और ‘उल्टा पानी’देश-दुनिया मे अनूठा है। प्रदेश में पर्यटन सर्किट बनाया जाएगा, रायपुर से उत्तर की ओर सतरेंगा, मैनपाट और जशपुर को जोड़ा जाएगा।   
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