झारखंड
झारखंड विधानसभा दल परिवर्तन पर सदस्यता से निरहर्ता के नियम 2006 में संशोधन
- 25 Mar 2022
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चर्चा में क्यों?
24 मार्च, 2022 को झारखंड विधानसभा में संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत झारखंड विधानसभा दल परिवर्तन पर सदस्यता से निरहर्ता के नियम 2006 में संशोधन विधानसभा से पारित हुआ।
प्रमुख बिंदु
- इसके अनुसार अब कोई भी व्यक्ति संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत स्पीकर के न्यायाधिकरण में दल-बदल की याचिका दायर कर सकता है। पहले यह अधिकार सिर्फ स्पीकर के पास था कि वह दल-बदल मामले में स्वत: संज्ञान ले सकता था। नए संशोधन में इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है।
- यह संशोधन सर्वोच्च न्यायालय के दिये गए निर्णय के आलोक में किया गया है। सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2013 में फैसला दिया था कि दल-बदल अधिनियम के अधीन कोई बाहरी व्यक्ति इस विषय को उठा सकता है।
- इस संबंध में विधानसभा की विशेष समिति ने दल-बदल मामले में विधानसभा अध्यक्ष के स्वत: संज्ञान की शक्ति को हटाने की सिफारिश की थी, जिसे अब विलोपित कर दिया गया है।
- इसके अलावा शून्यकाल और प्रश्नकाल के नियमों में भी संशोधन किया गया है। मुख्यमंत्री प्रश्नकाल को हटा दिया गया है तथा नियमावली में शून्यकाल की संख्या 15 से बढ़ाकर 25 कर दी गई है। साथ ही अब 14 दिन पहले प्रश्न डालने की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है।