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झारखंड

झारखंड स्कूल इनोवेशन चैलेंज-2023

  • 11 Sep 2023
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

  • 9 सितंबर, 2023 को झारखंड के धनबाद आईआईटी आईएसएम द्वारा आयोजित झारखंड स्कूल इनोवेशन चैलेंज-2023 के ग्रैंड फिनाले का रिजल्ट जारी कर दिया गया है, जिसमें पूर्वी सिंहभूम का लोयला स्कूल स्टेट चैंपियन बना।

प्रमुख बिंदु

  • विदित है कि पर्यावरणविदों के लिये कचरे में फेंकी जाने वाली प्लास्टिक की बोतल हमेशा चिंता का विषय बनी रही है। वे हमेशा इसके उचित प्रबंधन के तरीके तलाशते रहते हैं। इसी दिशा में पूर्वी सिंहभूम के लोयोला स्कूल की टीम ने इस समस्या का रचनात्मक समाधान दिया है।
  • पूर्वी सिंहभूम के लोयला स्कूल के छात्र सागर कुमार व संकल्प कुमार ने यूज़ (प्रयुक्त) व बेकार प्लास्टिक को उपयोगी पदार्थ में बदलने की तकनीक विकसित की है।
  • लोयोला स्कूल, जमशेदपुर के छात्रों की टीम ने कचरा में फेंक दी जाने वाली प्लास्टिक की बोतल से काम की चीज़ें तैयार करने वाला थ्री डी प्रिंटर तैयार किया है। यह थ्री डी प्रिंटर पहले मशीन की मदद से प्लास्टिक की बोतलों को काट कर महीन फाइबर में बदल देता है, फिर इस फाइबर को मोल्ड कर थ्री डी प्रिंटर से उपयोगी सामान बना देता है। यह प्रोजेक्ट कचरा प्रबंधन का रचनात्मक तरीका है।
  • आईआईटी आईएसएम का नरेश वशिष्ट सेंटर फॉर इनोवेशन एंड टिंकरिंग (एनवीसीटीआई) इस उत्पाद की मार्केटिंग में सहयोग करेगा।
  • प्रतियोगिता में देवघर ज़िला के मधुपुर के महेंद्र मुनि सरस्वती विद्या मंदिर की टीम द्वितीय और जमशेदपुर के हिल टॉप स्कूल की टीम तृतीय स्थान पर रही।
  • इनके साथ ही क्रमश: चौथे और पाँचवें स्थान पर रही डीबीएमएस इंग्लिश स्कूल जमशेदपुर और एसडीएसएम स्कूल जमशेदपुर की टीम को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।
  • ग्रैंड फिनाले में पूरे राज्य से 10 स्कूल की टीम पहुँची थी। पुरस्कृत पाँच बेस्ट आइडिया में चार जमशेदपुर के स्कूलों की टीम हैं।
  • मुख्य अतिथि व झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. (डॉ.) डीके सिंह ने विजेता टीम को को 50 हज़ार रुपए नकद पुरस्कार और ट्रॉफी देकर सम्मानित किया।
  • महेंद्र मुनि सरस्वती विद्या मंदिर की टीम (अमन कुमार, अंशु कुमार व रोशन कुमार) ने मिलकर फायर फाइटर ड्रोन विकसित किया है। यह ड्रोन खुद से पास के जल स्रोत से पानी उठा कर आग पर इसका छिड़काव करने में समक्ष है।
  • अमन कुमार ने बताया कि उन्हें इसे विकसित करने का विचार देवघर के एक स्कूल में चार-पाँच महीने पहले लगी आग की वजह से आया। तीनों ने मिलकर करीब दो महीने पहले इस प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया था। इस ड्रोन को विकसित करने की पूरी लागत 14 हज़ार रुपए है। इसमें 2200 एमएएच बैटरी का उपयोग किया गया है। यह ड्रोन को बिजली आपूर्ति करती है।
  • हिल टॉप पब्लिक स्कूल, जमशेदपुर की टीम (आरुष कुमार, दर्शिल त्रिपाठी और सिद्धार्थ सिंह) ने किसानों के लिये मददगार खेत रक्षक ऐप तैयार किया है। यह ऐप समय रहते बताएगा कि खेतों में लगी फसलों पर टिड्डों का कब हमला होने वाला है। इससे किसान समय रहते खेतों में कीटनाशकों का इस्तेमाल कर टिड्डों का हमला रोक सकते हैं।
  • साथ ही, यह ऐप फसलों में होने वाली बीमारियों की पहचान में सक्षम है। इसके बाद किसान अपनी फसलों की सुरक्षा के उपाय कर सकते हैं। यह ऐप किसानों के व्हाट्सअप के साथ एसएमएस के ज़रिये हर पाँच मिनट में खेतों की अद्यतन स्थिति की जानकारी देगा।

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