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झारखंड

झारखंड की नयी पर्यटन नीति

  • 25 Jul 2022
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

24 जुलाई, 2022 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नयी दिल्ली में झारखंड की नयी टूरिज्म पॉलिसी लॉन्च की।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री ने झारखंड की इस नयी टूरिज्म पॉलिसी के तहत निवेशकों को स्पेशल पैकेज उपलब्ध कराए जाने की बात की है जिसके तहत राज्य सरकार निवेशकों को ‘First cum first serve’ के आधार पर स्पेशल पैकेज देगी। साथ ही निवेशकों को कई तरह के Incentives भी दिये जा रहे हैं, जिसके अंतर्गत निम्न लाभ दिये जाएंगे -
  • Capital Investment पर 10 करोड़ की limit तक 20-25% सब्सिडी दी जा रही है।
  • 5 वर्षों तक Net SGST का 75% की छूट दी जाएगी।
  • 5 वर्षों तक Stamp Duty और Electricity Duty नहीं लगेगी।
  • महिलाओं, SC, ST एवं दिव्यांगों के लिये नीति में विशेष व्यवस्था की गई है।
  • निवेश और Incentives के लिये Single Window System बनाया गया है।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि नयी टूरिज्म पॉलिसी के तहत धार्मिक पर्यटन स्थलों देवघर, पारसनाथ, मधुबन और इटखोरी जैसे धार्मिक स्थलों में नागरिक सुविधाएँ प्रदान किये जाने के अलावा उनका सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा।
  • इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने हेतु पर्यटन गतिविधियों को प्रकृति के साथ जोड़ते हुए लातेहार-नेतरहाट-बेतला, चांडिल-दलमा-मिर्चैया-गेटेलसुद इको-सर्किट के विकास का कार्य प्रगति पर है। इन जगहों पर पर्यटकों के रहने के लिये रेस्ट हाउस की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
  • राज्य की वैभवशाली संस्कृति का अनुभव राज्य की जीवंत और विविध संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिये फूड फेस्टिवल, इंटर स्टेट कल्चरल प्रोग्राम आयोजित करने पर ज़ोर दिया जा रहा है।
  • ग्रामीण पर्यटन की क्षमता को बढ़ाने के लिये चिह्नित गाँवों का सौंदर्यीकरण, स्थानीय व्यंजनों तथा ग्रामीण जन जीवन को बढ़ावा देना शामिल हैं। इस संबंध में ग्राम पर्यटन समितियों (वीटीसी) और ग्रामीण पर्यटन उपसमिति का गठन किया जाएगा।
  • राज्य की पर्यटन पॉलिसी में राज्य की खनिज संपदा को प्रदर्शित करने और खनन पर्यटन के ज़रिये संभावनाओं को तलाशा जाएगा।
  • नयी पर्यटन नीति में एडवेंचर टूरिज्म की गतिविधियों जैसे पैराग्लाइडिंग, वाटर स्पोर्ट्स, रॉक क्लाइंबिंग, ग्लाइडिंग आदि को बढ़ावा देना जैसे कार्य शामिल होंगे। वाटर स्पोर्ट्स के लिये तिलैया, मसनजोर, चांडिल, पतरातू, गेतालसूद, केलाघघ, कांके, हटिया जैसे डैम को विकसित करने की योजना है
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