झारखंड
झारखंड ग्रामीण बस योजना
- 22 Feb 2024
- 3 min read
चर्चा में क्यों?
झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार की महत्त्वाकांक्षी 'मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना' (MMGGY) शुरू की, जो दूरदराज़ के क्षेत्रों में बस सेवाओं की सुविधा के लिये एक ग्रामीण परिवहन योजना है।
मुख्य बिंदु:
- योजना का प्राथमिक उद्देश्य ब्लॉकों, उपखंडों और ज़िला मुख्यालयों के बीच कनेक्टिविटी स्थापित करना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दूरदराज़ के गाँवों के निवासियों को सुविधाजनक परिवहन प्रणाली तक पहुँच प्राप्त हो।
- ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 15,000 किमी. सड़कें बनाई जा रही हैं। वरिष्ठ नागरिकों, स्कूल एवं कॉलेज के छात्रों, शारीरिक रूप से दिव्यांग, ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV) पॉजिटिव, विधवाओं और झारखंड आंदोलन के कार्यकर्त्ताओं को बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलेगी।
- योजना के पहले चरण के तहत सरकार ने 250 वाहनों को संचालित करने का निर्णय लिया है। ऑपरेटरों को आकर्षित करने के लिये परमिट, पंजीकरण और फिटनेस शुल्क भी घटाकर 1 रुपए कर दिया गया है।
- सीएम के मुताबिक, रांची, गुमला और लोहरदगा के 24 हज़ार से ज़्यादा लाभार्थियों को अबुआ आवास योजना का स्वीकृति पत्र दिया गया।
- लाभार्थियों के बैंक खातों में प्रथम किस्त के रूप में 72.35 करोड़ रुपए की धनराशि हस्तांतरित की गई।
- तीन माह बाद योजना के तहत नौ लाख आवास आवंटित किये जायेंगे।
- लाभार्थियों के बैंक खातों में प्रथम किस्त के रूप में 72.35 करोड़ रुपए की धनराशि हस्तांतरित की गई।
मुख्यमंत्री ग्रामीण गाड़ी योजना
- यह झारखंड सरकार द्वारा वर्ष 2023 में ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को आसान परिवहन सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई एक योजना है।
- यह योजना उन क्षेत्रों में वाहनों का संचालन करेगी जहाँ लोगों को मुख्य सड़क या निकटतम शहर तक पहुँचने के लिये कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है।
- इससे किसानों, मज़दूरों, छात्रों, मरीज़ों और अन्य ग्रामीण नागरिकों को लाभ होगा जिन्हें परिवहन विकल्पों की कमी के कारण आने-जाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
अबुआ आवास योजना (AAY)
- इस योजना के तहत अगले दो वर्ष में लगभग 15 हज़ार करोड़ रुपए से ज़्यादा खर्च कर राज्य सरकार अपनी निधि से ज़रूरतमंद लोगों को आवास उपलब्ध कराएगी।
- योजना के तहत गरीबों, वंचितों, मज़दूरों, किसानों, आदिवासियों, पिछड़ों और दलितों को 3 कमरे के आवास उपलब्ध करवाएँ जाएंगे।