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झारखंड के डॉ. श्रीकांत पाल ने बनाया सबसे छोटा एंटीना

  • 28 Oct 2022
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

26 अक्टूबर, 2022 को झारखंड में स्थित बीआइटी मेसरा राँची के डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के प्रो. डॉ. श्रीकांत पाल के ‘अल्ट्रा वाइडबैंड एंटीना’को भारत सरकार से स्वीकृति मिल गई है तथा इसके लिये उन्हें भारत सरकार की ओर से पेटेंट सर्टिफिकेट भी भेज दिया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • एंटीना का प्रोटोटाइप 9 जुलाई, 2013 को फाइल किया गया था और इसे मान्यता मिलने में आठ वर्ष लग गए। यह एंटीना संचार माध्यम के लिये बने देश के अब तक के सबसे छोटे एंटीना के रूप में विकसित है।
  • डॉ. श्रीकांत ने बताया कि इस एंटीने का आकार 14 गुणा 11 एमएम और बैंडविड्थ क्षमता 10:1 है तथा यह ‘ट्विस्टेड हेलिकल वेब’थ्योरी पर काम करेगा। इससे निकलने वाली तरंगें खास दिशा, स्प्रिंग की तरह घुमावदार लहर (स्पाइरल वेब फ्रंट) एक जगह से दूसरी जगह तक तेज़ी से पहुँचाने में मददगार हैं और इससे चंद सेकेंड में हैवी डाटा को भेजना आसान होगा। इसके अलावा इसके प्रयोग से बफरिंग की समस्या खत्म हो जाएगी।
  • उन्होंने बताया कि इस एंटीना की कॉमर्शियल वैल्यू है और इसकी विशेषता को देखते हुए सैमसंग ग्लोबल रिसर्च टीम, साउथ कोरिया के रिसर्च एंड डेवलपमेंट हेड ने इसे खरीदने की इच्छा व्यक्त की है। इसे तैयार करने में रिसर्च स्कॉलर मृणमय चक्रवर्ती ने सहयोग किया है।
  • उन्होंने बताया कि यह एंटीना एक निश्चित क्षेत्र में लगे सैकड़ों एंटीना का काम अकेले करने में सक्षम है। इसे किसी कनेक्टिंग केबल की ज़रूरत नहीं तथा इसे सिविल कम्युनिकेशन, आर्मी डाटाबेस कम्युनिकेशन, सैटेलाइट डाटा ट्रांसमिशन में इस्तेमाल किया जा सकेगा।
  • ज्ञातव्य है कि डॉ. श्रीकांत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई सफलता हासिल कर चुके हैं। उन्होंने वर्ष 2009 में यूएस के वेस्ट वर्जिनिया में स्थापित ग्रीन बैंक टेलीस्कोप के बेहतर संचालन के लिये खास बैंडस्टॉप फिल्टर तैयार किया था, जिससे जीबीटी का ऑब्जरवेशन रेंज बढ़ गया, वहीं 2011 में मैनचेस्टर में स्थापित जॉडरेल बैंक टेलीस्कोप के लिये सुपर कंडक्टिंग डिवाइस तैयार करने में भी सफल रहे।
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