गणतंत्र दिवस समारोह के लिये हरियाणा की झाँकी का थीम होगा ‘अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव’ | 23 Jan 2023
चर्चा में क्यों?
22 जनवरी, 2023 को हरियाणा के सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल ने बताया कि गणतंत्र दिवस समारोह में इस बार 26 जनवरी को कर्तव्य पथ पर प्रदर्शन के लिये लगातार दूसरी बार हरियाणा की झाँकी का चयन रक्षा मंत्रालय की विषेशज्ञ कमेटी द्वारा किया गया है, जिसका थीम है- ‘अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव’।
प्रमुख बिंदु
- डॉ. अमित अग्रवाल ने बताया कि भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय द्वारा गठित विशेषज्ञ कमेटी द्वारा प्रतिवर्ष राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों व मंत्रालयों की झांकियों के चयन की प्रक्रिया नवंबर माह में शुरू की जाती है, जिसमें सभी राज्य, केंद्र शासित प्रदेश व मंत्रालय अपने-अपने थीम की प्रस्तुति देते हैं।
- विशेषज्ञ कमेटी द्वारा थीम की प्रासंगिकता व उपादेयता के आधार पर चरणबद्ध तरीके से झांकियों का चयन किया जाता है। पिछले वर्ष भी ‘खेलों में नंबर वन हरियाणा’की थीम पर आधारित झाँकी के माध्यम से हरियाणा की खेल उपलब्धियों को सशक्त तरीके से देश-दुनिया के सामने प्रस्तुत किया गया था।
- उन्होंने बताया कि कुरुक्षेत्र को दुनिया के सबसे प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक के रूप में जाना जाता है। यहाँ पवित्र नदी सरस्वती के तट पर वेदों और पुराणों की रचना हुई। लगभग 5159 वर्ष पहले महाभारत युद्ध के पहले दिन भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान में अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता का शाश्वत संदेश दिया, इसलिये कुरुक्षेत्र की पहचान गीता के जन्म स्थल के रूप में होती है।
- डॉ. अमित अग्रवाल ने बताया कि गीता के अमर संदेश की जयंती की वर्षगांठ को कुरुक्षेत्र में हर साल अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। 18 दिनों तक चलने वाले अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का उद्देश्य श्रीमद्भगवद्गीता के वैश्विक व प्रेरणादायक संदेश का प्रसार करना और दुनिया को शांति, सद्भाव तथा सार्वभौमिक भाईचारे के संदेश से आलोकित करना है।
- उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में हरियाणा सरकार ने दुनिया के अन्य हिस्सों में गीता के सनातन संदेश को फैलाने के उद्देश्य से अन्य देशों में भी अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव मनाने का निर्णय लिया और वर्ष 2019 में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव मॉरीशस व लंदन में आयोजित किया गया। वर्ष 2022 में कनाडा में भी अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव मनाया गया।
- सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक ने बताया कि गणतंत्र दिवस परेड में हरियाणा की झाँकी पर प्रस्तुत गीता का संदेश मानवजाति के लिये सबसे बड़ी बौद्धिक देन है। कर्म का यह शाश्वत संदेश पूरी मानवता के लिये अनुकरणीय है।
- उन्होंने बताया कि झाँकी में भगवान श्रीकृष्ण को अर्जुन के सारथी के रूप में सेवा करते हुये और उन्हें गीता का ज्ञान देते हुए दिखाया गया है। झाँकी की पहली झलक आध्यात्मिकता, कला और इतिहास के दर्शन कराती है।
- ट्रैक्टर खंड की शुरुआत में भगवान श्रीकृष्ण के ‘विराट स्वरूप’ के दर्शन होते हैं, जैसा कि युद्ध भूमि पर उन्होंने अर्जुन के सामने प्रदर्शित किया था। विराट स्वरूप की प्रदर्शित प्रतिमा में श्री विष्णु के 9 सिर क्रमश: अग्नि, नृसिंह, गणेश, शिव, विष्णु, ब्रह्मा, अश्विनी कुमार, हनुमान और परशुराम दिखाए गए हैं। दिव्य सर्प सिर ढके हुए हैं। श्री विष्णु दाहिने हाथ में तलवार, त्रिशूल, कमल, सुदर्शन चक्र और बाएँ हाथ में शंख, बरछा, धनुष, नाग, गदा आदि लिये हुए हैं। नीचे का पूरा भाग शेषनाग व लहरों को गोलाकार आकार दिया गया है।
- ट्रेलर अनुभाग में पीछे की ओर कुरुक्षेत्र युद्ध क्षेत्र में चार घोड़ों के साथ एक भव्य रथ बनाया गया है। रथ, घोड़ों और सभी तत्त्वों को गहन विवरण के साथ दर्शाया गया है। अर्जुन और श्रीकृष्ण के रथ पर सवार मूर्तियों को रंगीन बनाया गया है, जबकि ट्रेलर के बाकी हिस्से को एक ही पार्थिव छाया में बनाया गया है। झाँकी में घोड़ों से लेकर रथ तक और यहाँ तक कि जमीन की धूल भी, हर एक विवरण स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। ट्रेलर के किनारों पर बना पैटर्न महाभारत युद्ध के विभिन्न दृश्यों को दर्शाता है।