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राजस्थान

उद्योग मंत्री ने किया हैंडलूम प्रदर्शनी का उद्घाटन

  • 15 Dec 2022
  • 4 min read

चर्चा में क्यों

14 दिसंबर, 2022 को राजस्थान की उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत ने राजस्थान स्टेट हैंडलूम डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के हथकरघा भवन, चौमू हाउस, सी-स्कीम स्थित परिसर में पाँच दिवसीय हैंडलूम प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु

  • राजस्थान राज्य हथकरघा विकास निगम की सीएमडी डॉ. मनीषा अरोड़ा ने बताया कि राज्य के हथकरघा एवं हस्तशिल्प वस्त्र उद्योग को समुचित विपणन प्रोत्साहन देने के लिये 14 से 18 दिसंबर तक इस पाँच दिवसीय हैंडलूम प्रदर्शनी-कम सेल का आयोजन किया जा रहा है।
  • प्रदर्शनी में प्रदेश के नेशनल अवार्डी एवं उत्कृष्ट बुनकरों तथा दस्तकारों द्वारा तैयार किये गए विभिन्न किस्मों के वस्त्र यथा डिजाइनर कोटा डोरिया, जरी, हैंड ब्लॉक प्रिंटेड एवं सिल्क साड़ियाँ, ड्रेस मैटेरियल, सांगानेरी, बगरू प्रिंटेड बेडशीट्स, बाड़मेरी अजरख बेडशीट्स, कलात्मक दोहर, जयपुरी रजाई, दरियाँ, फैशनेबल कुर्तें, प्लाजो, शर्ट्स आदि उत्पाद बिक्री एवं प्रदर्शन के लिये रखे जाएंगे।
  • इसके साथ ही राजस्थान लघु उद्योग निगम लि. (राजस्थली) के आकर्षक हैंडीक्राफ्ट उत्पाद भी प्रदर्शन एवं बिक्री के लिये रखे जा रहे हैं। बुनकर सेवा केंद्र द्वारा हस्तचालित लूम पर डोरिया साड़ी वीविंग का लाइव प्रदर्शन किया जा रहा है।
  • इस अवसर पर राजस्थान की उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत ने आमजन से हैंडलूम उत्पादों और परिधानों को अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अपनों (स्थानीय कारीगरों) द्वारा अपनों (प्रदेशवासियों) के लिये बनाए उत्पादों के इस्तेमाल से पारंपरिक हस्तकलाओं को बचाया जा सकेगा।
  • उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हस्तशिल्प के उत्थान के लिये हाल में हैंडीक्राफ्ट पॉलिसी लागू की गई है, जिसका लाभ आर्टिजंस को मिलने लगेगा। दस्तकारों द्वारा शुद्ध प्राकृतिक रंगों और धागों के ज़रिये वस्त्र बनाए जा रहे हैं, जो कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी फायदेमंद हैं।
  • राजसिको अध्यक्ष राजीव अरोड़ा ने कहा कि राजस्थानी परिधान प्रदेशवासियों की पहचान है। जोधपुर में होने वाले इंटरनेशनल एक्सपो में हैंडलूम और टेक्सटाइल के उत्पादों का पवेलियन बनाया जाएगा।
  • उन्होंने कहा कि हैंडलूम के ज्यादा से ज्यादा उत्पादों की भी जीआई टैगिंग करवाई जा रही है, ताकि कला का संर्वधन और संरक्षण किया जा सके। उन्होंने बताया कि एक ज़िला-एक उत्पाद मिशन से आने वाले दिनों में निर्यात को खास बल मिलेगा।
  • अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार पारंपरिक कलाओं के उत्थान के लिये हमेशा प्रयासरत रही है। इसी के मद्देनज़र सरकार द्वारा हैंडिक्राफ्ट पॉलिसी लाई गई है। इसके तहत हैडिक्राफ्ट और हैंडलूम निदेशालय स्थापित किये जा रहे हैं। इसका उद्देश्य कलाओं से जुड़े आर्टिजंस को प्रोत्साहित और कला का संरक्षण करना है।
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