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मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश में इंदौर HIV और एड्स के हाई रिस्क ग्रुप में पहले नंबर पर

  • 22 Feb 2022
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मध्य प्रदेश एड्स कंट्रोल सोसाइटी ने रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि एड्स के हाई रिस्क ग्रुप में इंदौर पहले स्थान पर है, अर्थात् यहाँ खतरा सबसे ज़्यादा है।

प्रमुख बिंदु

  • दूसरे शहरों के मुकाबले इंदौर में फीमेल सेक्स वर्कर तो ज्यादा हैं ही, लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यहाँ GAY (पुरुषों से संबंध बनाने वाले पुरुष) भी ज्यादा हैं। GAY के मामलों में ग्वालियर दूसरे, जबलपुर तीसरे और भोपाल चौथे नंबर पर है।
  • उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश एड्स कंट्रोल सोसाइटी राज्य में हाई रिस्क ग्रुप के 55 हज़ार लोगों में HIV और एड्स की रोकथाम के लिये गैर-सरकारी संस्थाओं के ज़रिये काम कर रही है। सोसाइटी हाई रिस्क कैटेगरी वाले लोगों को जागरूक करती है तथा HIV स्क्रीनिंग कराने का काम भी करती है, जिनमें HIV की पुष्टि होती है, उनका इलाज कराया जाता है।
  • HIV पॉजिटिव पेशेंट्स के सेक्स पार्टनर और बच्चों की भी HIV स्क्रीनिंग कराई जाती है, ताकि संक्रमण पैलने से रोका जा सके।
  • मध्य प्रदेश में हाई रिस्क ग्रुप में करीब 12 हज़ार MSM (Men who have Sex with Men) रिकॉर्ड में हैं। सबसे ज़्यादा 1570 इंदौर ज़िले में दर्ज हैं। ग्वालियर में 849, जबलपुर में 795 और भोपाल में 766, वहीं आगर-मालवा में 8 और सीधी में 2 लोग डैड कैटेगरी के रिकॉर्ड में हैं।
  • फीमेल सेक्स वर्कर्स (FSW) के मामले में भी इंदौर पहले नंबर पर है। प्रदेश में करीब 35 हज़ार फीमेल सेक्स वर्कर्स की जानकारी एड्स कंट्रोल सोसाइटी के पास दर्ज है। सबसे ज़यादा FSW इंदौर में 2513 में हैं। इसके बाद छिंदवाड़ा में 2464 हैं। 
  • प्रदेश में इंजेक्टिंग ड्रग यूजर (IDU), यानी इंजेक्शन सिरिंज के ज़रिये नशा करने वाले करीब 8 हज़ार लोग रिकॉर्ड में हैं। इनमें सबसे ज़्यादा IDU  कैटेगरी के लोग जबलपुर ज़िले में 1303 हैं, भोपाल में 1223 और रीवा में 1089 हैं।
  • एड्स की रोकथाम के बारे में मध्य प्रदेश एड्स कंट्रोल सोसाइटी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर के.डी. त्रिपाठी ने बताया कि हाई रिस्क कैटेगरी में अलग-अलग ग्रुप्स तक पहुँचने के लिये करीब 68 लक्ष्यगत हस्तक्षेप परियोजनाएँ (टारगेटेड इंटरवेंशन प्रोजेक्ट) चलाई जा रही हैं। 
  • इन प्रोजेक्ट के ज़रिये हाई रिस्क ग्रुप में HIV की रोकथाम के लिये स्क्रीनिंग, यौन संबंधों के दौरान कंडोम का उपयोग करने, इंजेक्शन से नशा करने वालों को सिरिंज उपलब्ध कराना है। 
  • HIV संक्रमितों को AET सेंटर से लिंक कराकर नियमित दवाएँ और उपचार मुहैया कराने का काम किया जा रहा है।
  • मध्य प्रदेश में HIV की स्क्रीनिंग के लिये करीब 1652 FICTC ( Facilitated Integrated Counselling and Testing Centre) संचालित हैं।
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