भारत का पहला ज़ीरों-वेस्ट हवाई अड्डा | 23 Dec 2024

चर्चा में क्यों?

हाल ही में इंदौर स्थित देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्डा 3000 वर्ग फुट सामग्री पुनर्प्राप्ति सुविधा के उद्घाटन के साथ भारत का पहला ज़ीरों-वेस्ट हवाई अड्डा बन गया।

  • अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली:
  • नई सामग्री पुनर्प्राप्ति सुविधा में हवाई अड्डे और विमान दोनों से अपशिष्ट को अलग करने और पुनर्चक्रित करने के लिये एक व्यापक अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली की सुविधा है।
  • गीले अपशिष्ट को उर्वरक में परिवर्तित किया जाएगा, जो 4R सिद्धांत पर आधारित हवाई अड्डे की ज़ीरों-वेस्ट पहल के अनुरूप होगा: Reduce, Reuse, Recycle, and Recover (कम करना, पुनः उपयोग करना, पुनर्चक्रित करना, पुनर्स्थापित करना)।
  • विस्तृत योजनाएँ:
  • इसके अलावा, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने घोषणा की कि अगले तीन वर्षों में इंदौर हवाई अड्डे की क्षमता 40 लाख यात्रियों से बढ़ाकर 90 लाख यात्री प्रति वर्ष कर दी जाएगी।
  • थाईलैंड और अमेरिका सहित अंतर्राष्ट्रीय गंतव्यों तक कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिये एयरलाइनों के साथ चर्चा चल रही है।
  • बुनियादी ढाँचा विकास:
  • केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने हवाई अड्डे पर 55 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित नए हवाई यातायात नियंत्रण टावर का भी उद्घाटन किया।