उत्तर प्रदेश
लखनऊ में 8 से 11 अक्टूबर तक होगी इंडियन रोड कॉन्ग्रेस
- 01 Oct 2022
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चर्चा में क्यों?
30 सितंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने 8 से 11 अक्टूबर तक लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में होने वाले भारतीय सड़क कॉन्ग्रेस (आईआरसी) के 81वें वार्षिक अधिवेशन की तैयारियों की समीक्षा की।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि आखिरी बार ऐसा आयोजन 1985 में लखनऊ में हुआ था, जो आईआरसी का स्वर्ण जयंती सत्र था।
- इस अधिवेशन में आईआरसी नई तकनीक की शुरुआत और सड़कों के रखरखाव पर चर्चा करेगी। देश-विदेश के विभिन्न संस्थानों के सड़क क्षेत्र के विशेषज्ञ नई और कम लागत वाली प्रौद्योगिकियों एवं इस क्षेत्र से जुड़े अन्य मुद्दों पर अपने शोध-पत्र प्रस्तुत करेंगे।
- विदित है कि भारतीय सड़क कॉन्ग्रेस (आईआरसी) देश में राजमार्ग इंजीनियरों की शीर्ष संस्था है। आईआरसी की स्थापना दिसंबर, 1934 में सरकार द्वारा स्थापित जयकर समिति के रूप में विख्यात भारतीय सड़क विकास समिति की सिफारिशों पर की गई थी। इसका उद्देश्य भारत में सड़कों का विकास करना है।
- आईआरसी को औपचारिक रूप से 24 सितंबर, 1937 को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत एक सोसायटी के रूप में पंजीकृत किया गया था।
- 1934 में 73 सदस्यों के साथ स्थापित हुई आईआरसी में वर्तमान में 50 लाख से अधिक सहयोगी (प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष) हैं और 17,300 से अधिक पंजीकृत सदस्य हैं, जिनमें केंद्र और राज्य सरकारों, सार्वजनिक क्षेत्र, अनुसंधान संस्थान, स्थानीय निकाय, निजी क्षेत्र, ग्राही, ठेकेदार, सलाहकार, उपकरण निर्माता, मशीनरी निर्माता, सामग्री निर्माता और आपूर्तिकर्त्ता, औद्योगिक संघ, विश्व बैंक, एडीबी, जेआईसीए, जेआरए, आईआरएफ आदि जैसे बहुपक्षीय और संस्थागत संगठनों से सड़क क्षेत्र के सभी हितधारकों के इंजीनियर और व्यवसायी शामिल हैं।