मध्य प्रदेश में भारत का पहला SSLNG संयंत्र | 23 Mar 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने मध्य प्रदेश के विजयपुर में गेल (इंडिया) लिमिटेड में भारत की पहली लघु-स्तरीय तरलीकृत प्राकृतिक गैस (SSLNG) इकाई राष्ट्र को समर्पित की।
मुख्य बिंदु:
- सरकार का लक्ष्य अपने प्राथमिक ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को वर्तमान में 6% से थोड़ा अधिक से बढ़ाकर वर्ष 2030 तक 15% करना है।
- ऐसा इसलिये है क्योंकि प्राकृतिक गैस कोयले और तेल जैसे पारंपरिक हाइड्रोकार्बन की तुलना में बहुत कम प्रदूषणकारी है; यह तेल से भी सस्ता है तथा भारत की 85% से अधिक आवश्यकता महँगे आयात से पूरी होती है।
- हरित ऊर्जा और भविष्य के ईंधन की दिशा में भारत की यात्रा में प्राकृतिक गैस को एक महत्त्वपूर्ण संक्रमण ईंधन के रूप में देखा जाता है।
- हालाँकि गैस की खपत बढ़ाने में एक बड़ी चुनौती उन स्थानों पर गैस के परिवहन में है जो देश की प्राकृतिक गैस पाइपलाइन ग्रिड से नहीं जुड़े हैं।
- लघु-स्तरीय तरलीकृत प्राकृतिक गैस (SSLNG):
- यह सामान्य बड़े पैमाने पर द्रवीकरण, पुनर्गैसीकरण एवं परिवहन बुनियादी ढाँचे और प्रक्रियाओं की तुलना में काफी छोटे पैमाने के संचालन में अपरंपरागत साधनों का उपयोग करके प्राकृतिक गैस के द्रवीकरण तथा उसके परिवहन को संदर्भित करता है।
- SSLNG शृंखला बड़े पैमाने पर LNG आयात टर्मिनल से शुरू हो सकती है जहाँ से LNG को पाइपलाइनों के माध्यम से पुन: गैसीकृत और आपूर्ति करने के बजाय क्रायोजेनिक सड़क टैंकरों या छोटे जहाज़ों द्वारा उपभोक्ताओं तक पहुँचाया जा सकता है।
- शृंखला प्रचुर प्राकृतिक गैस आपूर्ति या उत्पादन वाले स्थानों पर भी शुरू हो सकती है, जहाँ छोटे द्रवीकरण संयंत्र स्थापित किये जा सकते हैं।
- विजयपुर में SSLNG इकाई, जो GAIL की सबसे बड़ी गैस प्रसंस्करण सुविधा है, दूसरे प्रकार के स्थान का एक उदाहरण है।