एमएनएनआईटी ने बनाई भारत की पहली मानव रहित कार | 26 Nov 2022
चर्चा में क्यों?
25 नवंबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में स्थित मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) के बीटेक के छात्रों ने भारत की पहली मानव रहित कार बनाई है। पहले चरण में परीक्षण सफल होने के बाद 27 नवंबर को माइक्रोसाफ्ट एशिया के अध्यक्ष अहमद मजहरी के सामने इसका पहला डेमो होगा।
प्रमुख बिंदु
- एमएनएनआईटी के 1995 बैच के अधीक्षण अभियंता राजेश कुमार ने बताया कि बिना ड्राइवर के चलने वाली पहली मानव रहित कार के प्रोजेक्ट का पहला चरण दो साल की अथक मेहनत के बाद पूरा कर लिया गया है। प्रयोग के तौर पर गोल्फ कार्ट में इस कार के सिस्टम को फिट किया गया है। कोडिंग और प्रोग्रामिंग सफल होने के बाद फिलहाल इस कार को किसी भी सड़क पर सीधे चलने के लिये उतारा गया है।
- इस कार के आगे और पीछे कैमरा लगाया गया है, जिससे यह कार बिना किसी मानव चालक के ही सड़क पर स्वत: चल सकेगी। कार को सामने से आने वाली कोई भी गाड़ी, आदमी, भीड़, जानवर या फिर गड्डा, कटान सब कुछ दिख जाएगा और किसी तरह का अवरोध होने पर वह अपने आप ब्रेक लगाकर रुक जाएगी।
- इसके अलावा अवरोधक के हटने के साथ ही यह मानव रहित कार अपने गंतव्य के लिये रवाना भी हो जाएगी। वह सड़क दुर्घटना के हर कारणों को भाँप सकेगी। फिलहाल यह कार अभी सीधे रास्ते पर ही चल सकेगी।
- महीने भर बाद दूसरा चरण पूरा होने पर वह किसी भी मोड़ या घुमावदार रास्ते पर चलने के साथ ही आगे पीछे मुड़कर फर्राटा भर सकेगी। इसके बाद कोडिंग के आधार पर यह कार किसी भी लोकेशन पर बिना किसी चालक के ही पहुँचने में सक्षम हो जाएगी।
- बीटेक छात्र विभांशु समेत सेकेंड ईयर, थर्ड ईयर और फाइनल ईयर के कुल 19 छात्रों ने मिलकर इस कार को तैयार किया है।
- एमएनएनआई के 1995 बैच के छात्र रहे आरआरडी गो क्रिएटिव के वाइस प्रेसीडेंट रोहित गर्ग के अलावा सड़क एवं परिवहन मंत्रालय नई दिल्ली में अधीक्षण अभियंता के पद पर तैनात राजेश कुमार ने इस मानव रहित कार के निर्माण के लिये मार्गदर्शन किया और फंडिंग भी की है। इस कार के निर्माण पर सात लाख रुपए की लागत आई है।