बिहार में वज्रपात का बढ़ता प्रकोप | 04 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा बताया गया कि प्राकृतिक आपदाओं में वज्रपात सबसे ज़्यादा घातक होता जा रहा है, जिसके चलते पिछले 6 वर्षों में लगभग 2000 लोगों की जान जा चुकी है।
प्रमुख बिंदु
- वज्रपात के लिहाज से जमुई, भागलपुर, पूर्णिया, बाँका, औरंगाबाद, गया, कटिहार, पटना, नवादा और रोहतास जिले सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं।
- हालाँकि, इस बार तीन ज़िलों- पटना, गया और औरंगाबाद को ज़्यादा सतर्क किया गया है।
- प्राधिकरण के अनुसार राज्य में वज्रपात और इससे होने वाली मौतों के लिये राज्य का भूगोल ज़िम्मेदार है, अर्थात् बिहार की जलवायु मानसूनी होने के कारण यह गर्मी और नमी के हिसाब से अतिसंवेदनशील है, जिस कारण राज्य में तीव्र गर्जन और तेज वर्षा के साथ वज्रपात की घटनाएँ होती हैं।
- वज्रपात से बचाव के लिये राज्य सरकार द्वारा जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके साथ ही इंद्रवज्र नामक एक ऐप भी लॉन्च किया गया है, जो वज्रपात से लगभग 40 मिनट पहले लोगों को अलार्म टोन एवं संदेश के जरिये सतर्क करता है।