राजस्थान
शहरों में रोज़गार गारंटी योजना का बढ़ा दायरा
- 24 Feb 2023
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चर्चा में क्यों?
23 फरवरी, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इंदिरा गांधी शहरी रोज़गार गारंटी योजना के अंतर्गत शहरों में हर हाथ को रोज़गार और बेरोज़गारों को संबल प्रदान करने के लिये 100 दिन से बढ़ाकर 125 दिन रोज़गार देने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री की वर्ष 2022-23 की बजट घोषणा के अंतर्गत मनरेगा की तर्ज पर इंदिरा गांधी शहरी रोज़गार गारंटी योजना लागू की गई थी। गत वर्ष योजनांतर्गत प्रति परिवार 100 दिवस का रोज़गार उपलब्ध कराने के लिये 800 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया था।
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने योजना के अनुमोदित दिशा-निर्देशों में संशोधन की सहमति दे दी है। यह संशोधन 1 अप्रैल, 2023 से प्रभावी होगा। शहरी बेरोज़गारों को 25 दिवस का अतिरिक्त रोज़गार उपलब्ध कराने से लगभग 1100 करोड़ रुपए का व्यय होना संभावित है।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा इस संबंध में बजट 2023-24 में घोषणा की गई है। इस योजना में अब प्रति परिवार 125 दिवस का रोज़गार मिलेगा।
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 18वीं शताब्दी में निर्मित जयपुर स्थित खानिया की बावड़ी से 9 सितंबर, 2022 को इस योजना का शुभारंभ किया था।
- योजना में जरूरतमंद परिवार जन आधार कार्ड के माध्यम से जॉब कार्ड बनवाकर रोज़गार की मांग कर सकते हैं। शहरी बेरोज़गारों को रोज़गार की गारंटी प्रदान कर राज्य सरकार द्वारा बेरोज़गारी के विरूद्ध यह योजना संचालित की गई है।
- इस योजना में पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, हैरिटेज संरक्षण, स्वच्छता, सेवा, कन्वर्जेंस तथा संपत्ति विरूपण रोकने संबंधी कार्यों सहित अन्य कई तरह के कार्य अनुमत किये गए हैं।
- योजना के महत्त्वपूर्ण बिंदु-
- 51 लाख से अधिक जॉब कार्ड अब तक बनाए गए।
- 94 लाख से अधिक सदस्य अब तक योजना से जुड़े।
- 09 लाख परिवारों द्वारा अब तक रोज़गार की मांग की गई।
- 13 लाख से अधिक ऑनलाइन मस्टररोल जारी।
- 259 रुपए अकुशल श्रमिक की प्रति दिवस मजदूरी।
- 271 रुपए अर्द्धकुशल श्रमिक/मेट की प्रति दिवस मजदूरी।
- 283 रुपए कुशल श्रमिक की प्रति दिवस मजदूरी।
- 18 से 60 वर्ष की आयु के व्यक्ति कर सकते हैं कार्य।
- ई-मित्र से भी जन आधार कार्ड के जरिये नि:शुल्क पंजीकरण की सुविधा।