सार्वजनिक ऋण में वृद्धि | 31 Jul 2021
चर्चा में क्यों?
30 जुलाई, 2021 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में बताया कि राज्य का कुल सार्वजनिक ऋण 2019-20 में 20.85 प्रतिशत बढ़कर 63,164.72 करोड़ रुपए हो गया है।
प्रमुख बिंदु
- मानसून सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 2019 के लिये छत्तीसगढ़ सरकार के वित्त और विनियोग लेखा को सदन में पेश करते हुए भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट को भी पेश किया।
- रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ का कुल सार्वजनिक ऋण 2018-19 के 52,254.22 करोड़ रुपए से 20.85 प्रतिशत बढ़कर 2019-20 में 63,164.72 करोड़ रुपए हो गया है।
- वर्ष 2019-20 में राजकोषीय घाटा 17,969.55 करोड़ रुपए रहा, जो जीएसडीपी का 5.46 प्रतिशत है और जीएसडीपी के 2.99 प्रतिशत के एमटीएफपी (मनी फॉलो द पर्सन इनिशिएटिव) लक्ष्य से अधिक है। वर्ष 2018-19 के दौरान राज्य का राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 3.07 प्रतिशत के एफआरएमबी (राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन) लक्ष्य के भीतर था।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2019-20 का सकल बज़ट 1,06,913.44 करोड़ रुपए था। इसके खिलाफ सकल व्यय 92,261.34 करोड़ रुपए था।
- कर राजस्व 42,323.69 करोड़ रुपए रहा और राज्य का अपना राजस्व वर्ष 2018-19 के 21,427.26 करोड़ रुपए से बढ़कर 22,117.85 करोड़ रुपए हो गया। पिछले वित्त वर्ष की तुलना में राज्य को केंद्र से 13,611.24 करोड़ रुपए का अनुदान मिला है।
- राज्य सरकार का पूंजीगत व्यय 8,566,39 करोड़ रुपए था, जो कि वर्ष 2018-19 की तुलना में 337.06 करोड़ रुपए कम है। 2019-20 के दौरान 9,608.61 करोड़ रुपए का राजस्व घाटा सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 2.92 प्रतिशत है।
- राज्य सरकार पर 78,712.46 करोड़ रुपए की बज़टीय देनदारियों के अलावा, विभिन्न संस्थाओं द्वारा लिये गए ऋणों के पुनर्भुगतान के लिये 694.26 करोड़ रुपए की देनदारी है।