भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान में बीज प्रसंस्करण व भंडारण सुविधा का शुभारंभ | 13 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
11 मार्च, 2023 को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के भारतीय चरागाह एवं चरागाह अनुसंधान संस्थान, झाँसी में बीज प्रसंस्करण व भंडारण सुविधा का उद्घाटन किया। इस अवसर पर महिला कृषक सम्मेलन भी हुआ।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि इस प्रकार के बीज प्रसंस्करण की 3 इकाइयाँ धारवाड़ और श्रीनगर स्थित क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्रों में स्थापित की गई हैं, जिन्हें कृषि मंत्रालय द्वारा 7 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता से वित्तपोषित किया गया है।
- महिला कृषक सम्मेलन के दौरान संस्थान/केंद्रों द्वारा संचालित अनुसूचित जाति उप-परियोजना के अंतर्गत लाभार्थी महिला कृषकों को 50 लाख रुपए मूल्य के कृषि यंत्रों का वितरण किया गया।
- चरागाह एवं चारे की उन्नत प्रजातियों के विकास और उनके प्रबंधन एवं अनुरक्षण हेतु भारत सरकार ने वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की ऐतिहासिक नगरी झाँसी में भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान (Indian Grassland and Fodder Research Institute) की स्थापना सन् 1962 में की थी।
- झाँसी में लगभग सभी प्रमुख घासें पाई जाती हैं, इसी दृष्टि से यहाँ संस्थान की स्थापना की गई, बाद में वर्ष 1966 में इसका प्रशासनिक नियंत्रण भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली को सौंप दिया गया।
- जलवायु तथा कृषि की क्षेत्रीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर भारत के अन्य भागों में इस संस्थान के तीन क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र स्थापित किये गए हैं, जो अंबिका नगर (राजस्थान), धारवाड़ (कर्नाटक) एवं पालमपुर (हिमाचल प्रदेश) में स्थित हैं।