उत्तराखंड
उत्तराखंड में चालान सहित परिवहन विभाग की छह सेवाएँ हुईं ऑनलाइन
- 12 Nov 2022
- 4 min read
चर्चा में क्यों?
11 नवंबर, 2022 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में चालान के प्रशमन शुल्क सहित परिवहन विभाग की छह सेवाएँ ऑनलाइन तथा परिवहन निगम के ही तीन मोबाइल ऐप लॉन्च करके इन सेवाओं का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- राज्य में परिवहन विभाग की ऑनलाइन हुईं सेवाएँ हैं -
- ऑनलाइन टैक्स भुगतान : स्टेज कैरिज वाहनों के टैक्स पहले कार्यालय में जमा होते थे, लेकिन अब परिवहन वेबसाइट के माध्यम से कहीं से भी ऑनलाइन टैक्स जमा करा सकेंगे।
- चालान प्रशमन शुल्क : अभी तक चालान की फीस दफ्तरों में जमा होती थी, लेकिन अब परिवहन विभाग की ई-चालान वेबसाइट के माध्यम से सीधे ऑनलाइन जमा करा सकेंगे।
- अस्थायी परमिट ऑनलाइन : परिवहन विभाग के अस्थायी परमिट लेने के लिये अभी तक आरटीओ दफ्तर जाना पड़ता था, लेकिन अब ऑनलाइन आवेदन व शुल्क भुगतान होगा। ऑनलाइन स्क्रूटनी, अनुमोदन व परमिट डाउनलोड कर सकेंगे।
- ऑनलाइन कॉन्ट्रेक्ट कैरिज परमिट : संभागीय परिवहन प्राधिकरण की ओर से अब कॉन्ट्रेक्ट कैरिज परमिट का आवेदन ऑनलाइन कर सकेंगे और शुल्क भी ऑनलाइन जमा करा सकेंगे। यह परमिट भी ऑनलाइन ही मिलेंगे।
- वाहनों के पंजीकरण : अभी तक निजी वाहनों का पंजीकरण डीलर पॉइंट पर डाटा एंट्री, डॉक्यूमेंट अपलोड करने के बाद ऑनलाइन फीस व टैक्स जमा होता था। इसके बाद डीलर को पूरे कागज़ लेकर आरटीओ दफ्तर जाना पड़ता था। पत्रावलियाँ आरटीओ दफ्तरों में रखनी होती थीं, लेकिन अब पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। दफ्तरों में कागज़ों के ढेर से आज़ादी मिलेगी।
- ट्रेड सर्टिफिकेट : व्यवसाय प्रमाण-पत्र बनवाने के लिये अब दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। ऑनलाइन ही सर्टिफिकेट जारी हो जाएगा।
- परिवहन निगम ने ड्राइवरों के लिये हमसफर ऐप लॉन्च किया है। इस ऐप को ड्राइवर के सामने मोबाइल फोन में इंस्टॉल किया जाएगा। यह ऐप ड्राइवर की हर हरकत पर नज़र रखेगा तथा नींद आने पर ड्राइवर को अलर्ट करेगा। इसमें सुरक्षित बस संचालन पर रिवार्ड मिलेंगे।
- इसके अलावा अटेंडेंस ऐप लॉन्च किया गया है। इसमें जियो फेंसिंग क्षेत्र में आने पर परिवहन निगम के कर्मचारी अपने मोबाइल से ही अपनी हाजिरी लगा सकेंगे।
- इसके अलावा निगम ने फ्लीट मैनेजमेंट सिस्टम लॉन्च किया है। इसके तहत बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। हर बस की लोकेशन देखने को व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस लगाई जाएगी तथा बिना टिकट यात्रा करने वालों को सीसीटीवी की मदद से पकड़ा जा सकेगा। सभी बसों में फ्यूल सेंसर लगाए जाएंगे और केंद्रीय कंट्रोल रूम से सभी बसों की पूरी निगरानी की जा सकेगी।