राजस्थान
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य मंत्रि-परिषद के महत्त्वपूर्ण निर्णय
- 10 Nov 2022
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चर्चा में क्यों?
9 नवंबर, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में नवीन राजस्थान स्टार्ट-अप नीति-2022 का अनुमोदन के साथ ही कई अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।
प्रमुख बिंदु
- मंत्रिमंडल ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को आगे बढ़ाने के लिये अहम निर्णय लिया।
- अनुमोदित प्रस्ताव के अनुसार, ईआरसीपी निगम को जल संसाधन विभाग/सीएडी/आईजीएनडी/एसडब्ल्यूआरपीडी के स्वामित्व की अनुपयोगी भूमि एवं भूमि से संबंधित संपत्तियों का नि:शुल्क हस्तांतरण किया जाना है। साथ ही निगम के वित्तीय प्रबंधन के लिये विभागों द्वारा हस्तांतरित भूमि का प्रबंधन/बेचान/लीज/अन्य उपयोग में लेकर प्राप्त शत-प्रतिशत आय का उपयोग निगम के कार्यों के लिये किया जाना है।
- उल्लेखनीय है कि ईआरसीपी प्रदेश के 13 ज़िलों (झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, दौसा, अलवर, जयपुर, अजमेर एवं टोंक) के लिये पेयजल के साथ-साथ सिंचाई की भी अतिमहत्वपूर्ण परियोजना है।
- मंत्रिमंडल ने नवीन राजस्थान स्टार्ट-अप नीति, 2022 का अनुमोदन किया।
- इस नीति से प्रदेश के स्टार्ट-अप, उद्यमशील विद्यार्थियों, ग्रामीण स्टार्ट-अप्स एवं सांस्थानिक इन्क्यूबेशन सेंटर्स को फायदा मिलेगा। प्रदेश में निवेश व रोज़गार सृजन के अवसर बढ़ेंगे और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
- उल्लेखनीय है कि बजट सत्र 2020-21 में आई-स्टार्ट कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिये नीति लागू करने संबंधित घोषणा की गई थी।
- मंत्रिमंडल ने बैटल कैजुअल्टी, फिजिकल कैजुअल्टी के आश्रितों को अथवा स्थायी रूप से अशक्त सशस्त्र बल सेवा कार्मिकों तथा पैरा मिलिट्री (बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, कोस्ट गार्ड) कार्मिकों के आश्रितों को अनुकंपात्मक नियुक्ति नियम, 2002 में प्रस्तावित संशोधन को मंज़ूरी दी।
- उक्त संशोधन के बाद शहीद परिवार तथा उक्त सेवाओं के स्थायी रूप से अशक्त कार्मिकों के आश्रित सदस्यों को पे-लेवल 10 तक के पदों पर नियुक्तियाँ प्रदान की जाएगी तथा पूर्व की अपेक्षा ऐसे परिवारों को बेहतर रूप से संबल प्रदान किया जा सकेगा।
- मंत्रिमंडल ने राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम, 2017 में संशोधन के प्रस्ताव को मंज़ूरी देते हुए कार्मिकों के हितों में बड़ा निर्णय लिया है। इसमें राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1958 के नियम 17 के अंतर्गत कार्मिक को दी गई लघु शास्तियों के मामलों में एसीपी में पारिणामिक प्रभाव को समाप्त किया जा रहा है।
- मंत्रिमंडल ने राजस्थान समेकित बाल विकास (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम, 1998 में संशोधन किया है। इससे पर्यवेक्षक के पद पर अति पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यर्थियों को भी आरक्षित वर्ग के समान ऊपरी आयु सीमा में छूट मिलेगी।
- महिला एवं बाल विकास विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता से पर्यवेक्षक के पद पर सीधी भर्ती के लिये ऊपरी आयु सीमा में 10 वर्ष की छूट का प्रावधान है, जिसमें आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिये 5 वर्ष की अतिरिक्त छूट भी देय है। अब यह शिथिलता अन्य आरक्षित वर्गों के साथ-साथ अति पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों को भी मिल सकेगी।
- उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020-21 की बजट घोषणा में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों को आरक्षित वर्ग के समान आयु सीमा में शिथिलन देने की घोषणा की गई थी।
- मंत्रिमंडल द्वारा राज्य में अनुसूचित क्षेत्रों का दायरा बढ़ने के परिणामस्वरूप उस क्षेत्र के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ देने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया है।
- इस क्रम में राजस्थान अनुसूचित क्षेत्र अधीनस्थ, लिपिकवर्गीय और चतुर्थ श्रेणी (भर्ती एवं सेवा की अन्य शर्तें) नियम, 2014 में भारत सरकार की 19 मई, 2018 को जारी हुई अधिसूचना के अनुसार संशोधन किये जाने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई है।
- उल्लेखनीय है कि भारत सरकार की अधिसूचना के अंतर्गत प्रदेश के बाँसवाड़ा, डूँगरपुर, प्रतापगढ़, उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, पाली व सिरोही ज़िलों में अनुसूचित क्षेत्रों का दायरा बढ़ गया था, जिस कारण बढ़े हुए क्षेत्रों के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा था। उक्त अनुमोदन से अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ प्राप्त हो सकेगा।
- मंत्रिमंडल ने राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को राजकीय सेवाओं में 2 प्रतिशत आरक्षण का लाभ ‘राजस्थान इंजीनियरिंग सबऑर्डिनेट सविसेज (इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टोरेट ब्रांच)’ और ‘राजस्थान साइंस एंड टेक्नोलॉजी (स्टेट एंड सबऑर्डिनेट)’ सेवाओं में भी देने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।
- इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय खेलों में प्रतिनिधित्व करने वाले राजस्थान राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को भी ‘आउटस्टैंडिंग स्पोर्ट्सपर्सन’की श्रेणी में शामिल करने के प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया है। इस निर्णय से राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ेगा।
- मंत्रिमंडल ने मैसर्स वंडर सीमेंट लिमिटेड को जैसलमेर में वृहद् उद्योग (सीमेंट प्लांट एवं रेलवे साईडिंग) की स्थापना के लिये कुल 5237 हैक्टेयर औद्योगिक प्रयोजनार्थ आरक्षित भूमि का आवंटन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
- इसमें ग्राम पारेवर (तहसील जैसलमेर), ग्राम सोनू (तहसील सम) तथा ग्राम लीला पारेवर (तहसील जैसलमेर) में क्रमश: 0650 हैक्टेयर प्लांट हेतु एवं 23.4587 हैक्टेयर भूमि रेलवे साईडिंग व सड़क हेतु आवंटन पर निर्णय लिया गया है।
- यह परियोजना दो चरणों में स्थापित होगी। इनमें कुल 4200 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 1500 लोगों को रोज़गार मिलेगा। इसके अतिरिक्त निर्माण प्रक्रिया में भी श्रमिकों को काम मिलेगा।
- मंत्रिमंडल ने जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा संचालित महिला (बालिका) छात्रावासों में छात्रावास अधीक्षक ग्रेड-2 का पद केवल महिला अभ्यर्थियों द्वारा ही भरे जाने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से इन छात्रावासों में रहकर अध्ययन कर रही बालिकाओं की सुरक्षा एवं निजता सुनिश्चित की जा सकेगी।
- मंत्रिमंडल ने बूंदी के हिंडोली में स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का नामकरण बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने 30 जुलाई, 2022 को अपनी बूंदी यात्रा के दौरान हिंडोली में बनने वाले आई.टी.आई. कॉलेज का नाम डॉ. भीमराव अंबेडकर आई.टी.आई. कॉलेज करने की घोषणा की थी।