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State PCS Current Affairs


मध्य प्रदेश

राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के महत्त्वपूर्ण निर्णय

  • 29 Jun 2022
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

28 जून, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य में दो नवीन चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना की सैद्धांतिक स्वीकृति के साथ ही कई अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।

प्रमुख बिंदु

  • मंत्रिपरिषद की बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं आगामी वित्तीय वर्षों के लिये मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद हेतु निर्धारित वार्षिक सीमा 150 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 200 करोड़ रुपए करने का अनुमोदन किया गया।
  • मंत्रिपरिषद ने विधायक निधि अंतर्गत विधायक क्षेत्र विकास निधि योजना (पूंजीगत) को 1 करोड़ 85 लाख रुपए से बढ़ाकर 2 करोड़ 50 लाख रुपए तथा विधायक स्वेच्छानुदान योजना में 15 लाख रुपए से बढ़ाकर 50 लाख रुपए करने का निर्णय लिया।
  • मंत्रिपरिषद ने ज़िला सीहोर स्थित बुदनी तहसील में 100 एम.बी.बी.एस. सीट प्रवेश क्षमता का चिकित्सा महाविद्यालय तथा 500 बिस्तर संबद्ध अस्पताल स्थापित करने के साथ नर्स़िग पाठ्यक्रमों के लिये 60 सीट प्रवेश क्षमता का नर्स़िग महाविद्यालय तथा पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों के लिये 60 सीट प्रवेश क्षमता का पैरामेडिकल महाविद्यालय स्थापित करने की सैद्धांतिक सहमति दी।
  • इसी प्रकार उज्जैन में नए चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित करने के लिये स्नातक पाठ्यक्रम की 100 सीटों में वृद्धि करने के उद्देश्य से मंत्रिपरिषद ने सैद्धांतिक सहमति प्रदान की।
  • मंत्रिपरिषद ने मुरैना में रूरल टेक्नोलॉजी पार्क स्थापित करने को मंज़ूरी दी।
  • मंत्रिपरिषद ने जबलपुर ज़िले की छीताखुदरी मध्यम सिंचाई परियोजना, लागत राशि 434 करोड़ 21 लाख रुपए सैंच्य क्षेत्र 16 हज़ार 875 हेक्टेयर और कुण्डालिया बहुउद्देशीय वृहत् सिंचाई परियोजना ज़िला राजगढ़ लागत राशि 4614 करोड़ 73 लाख रुपए सैंच्य क्षेत्र 1 लाख 39 हज़ार 600 हेक्टेयर की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी।
  • मंत्रिपरिषद द्वारा कुण्डू टास्कफोर्स समिति की अनुशंसा पर राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग की तर्ज़ पर राज्य सांख्यिकी आयोग के गठन का निर्णय लिया गया। प्रदेश में सांख्यिकी प्रणाली के सुदृढ़ीकरण के लिये अनुशंसाएँ प्रस्तुत करने के लिये कुण्डू टास्कफोर्स गठित की गई थी। आयोग के अध्यक्ष प्रख्यात सांख्यिकी विशेषज्ञ होंगे, जिन्हें इस क्षेत्र में 20 वर्ष का अनुभव होगा। आयोग में 1 सदस्य राज्य सरकार नामित करेगी और अधिकतम 6 सदस्य विषय-विशेषज्ञ के रूप में विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे।
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