मंत्रिपरिषद की बैठक के महत्त्वपूर्ण निर्णय | 25 May 2022
चर्चा में क्यों?
23 मई, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में मध्य प्रदेश ग्रामीण (सीमांत, छोटे किसान तथा भूमिहीन कृषि श्रमिक) ऋण विमुक्ति विधेयक, 2022 के प्रारूप के अनुमोदन के निर्णय के साथ ही कई अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।
प्रमुख बिंदु
- मंत्रिपरिषद की बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिये निर्धारित दरों पर विभिन्न श्रेणियों में उपभोक्ताओं को 16 हज़ार 424 करोड़ 18 लाख रुपए की सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया। यह प्रदेश के घरेलू उपभोक्ताओं के लिये गृह ज्योति योजना में स्वीकृत 5,584 करोड़ 40 लाख रुपए की सब्सिडी के अतिरिक्त है। इसके एवज़ में विद्युत वितरण कंपनियों को सब्सिडी दी जाएगी।
- मंत्रिपरिषद ने भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों को फसल हानि/क्षति होने पर वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से 17 हज़ार 72 करोड़ 30 लाख रुपए का वित्तीय आकार निर्धारित करते हुए इसे निरंतर बनाए रखे जाने का निर्णय लिया।
- इसमें 2020-21 से 2022-23 तक के लिये 8 हज़ार 410 करोड़ रुपए केंद्रांश एवं 8 हज़ार 410 करोड़ रुपए राज्यांश और राज्यांश राशि का 3 प्रतिशत प्रशासनिक व्यय राशि रुपए 252 करोड़ 30 लाख रुपए शामिल है।
- मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा से उत्पादित विद्युत की निकासी के लिये मध्य प्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा ग्रीन इनर्जी कॉरिडोर परियोजना में किये जा रहे पोषण कार्यों के वित्त पोषण हेतु मेसर्स के.एफ. डब्ल्यू, जर्मनी से स्वीकृत ऋण राशि 124 मिलियन यूरो का संपूर्ण उपयोग करने की सहमति दी।
- मंत्रिपरिषद द्वारा सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना (द्वितीय चरण), ज़िला खंडवा 2X660 मेगावॉट की पुनरीक्षित लागत 7 हज़ार 738 करोड़ रुपए का अनुमोदन दिया गया।
- मंत्रिपरिषद ने मध्य प्रदेश ग्रामीण (सीमांत, छोटे किसान तथा भूमिहीन कृषि श्रमिक) ऋण विमुक्ति विधेयक, 2022 के प्रारूप तथा मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता (संशोधन) अध्यादेश, 2022 का अनुमोदन किया।
- मंत्रिपरिषद ने रामपुरा मनासा सूक्ष्म उदवहन सिंचाई परियोजना को प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की। परियोजना की लागत राशि 1208 करोड़ 89 लाख रुपए है। इस परियोजना की रबी के लिये सिंचाई क्षमता 65 हज़ार 400 हेक्टेयर होगी। परियोजना से मनासा तहसील के 215 ग्रामों के कृषकों को सिंचाई सुविधा का लाभ प्राप्त होगा।