मध्य प्रदेश
मंत्रिपरिषद की बैठक के महत्त्वपूर्ण निर्णय
- 05 Jan 2022
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चर्चा में क्यों?
4 जनवरी, 2022 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक हुई, जिसमें कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।
प्रमुख बिंदु
- मंत्रिपरिषद के बैठक में ‘आनंद विभाग’का गठन एवं ‘अध्यात्म विभाग’का नाम परिवर्तित कर ‘धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग’करने के लिये कार्य (आवंटन) नियम में संशोधन का अनुमोदन किया गया।
- मंत्रिपरिषद ने स्ट्रेंग्थनिंग टीचिंग- लर्निंग एंड रिजल्ट्स फॉर स्टेटस (स्टार्स) कार्यक्रम के क्रियान्वयन की सैद्धांतिक स्वीकृति दी। स्टार्स भारत सरकार का कार्यक्रम है, जिसे 6 राज्यों- मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और केरल में स्वीकृत किया गया है।
- स्टार्स कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता और शासन-विधि (गवर्नेंस) का सुधार है। स्टार्स परियोजना में ऐसी गतिविधियाँ तथा नवाचार प्रस्तावित हैं, जो समग्र शिक्षा अभियान में प्रावधानित नहीं किये जा सकते हैं। स्टार्स परियोजना में सबके लिये शिक्षा, समग्र शिक्षा अभियान, सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, संपूर्ण विद्यालय दृष्टिकोण (होल स्कूल अप्रोच) शामिल रहेंगे।
- मध्य प्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी में अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई में 1660 मेगावाट क्षमता की सुपर क्रिटिकल तकनीक आधारित ताप विद्युत विस्तार इकाई, जिसका क्रियान्वयन मध्य प्रदेश पॉवर जेनरेटिंग कंपनी लिमिटेड एवं कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनी एस.ई.सी.एल के मध्य गठित संयुक्त उपक्रम द्वारा किया जाना प्रस्तावित है, के लिये नीतिगत/सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई।
- प्रस्तावित परियोजना की अनुमानित लागत 4665 करोड़ 87 लाख रुपए है। परियोजना के लिये राज्य शासन द्वारा 15 प्रतिशत राशि अंशपूंजी के माध्यम से दी जाएगी।
- योजना में उपार्जन कार्य में संलग्न राज्य की विभिन्न एजेंसियों की हानि तथा प्रतिपूर्ति के संबंध में मापदंड नियत करने के लिये कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में समिति गठित होगी। इसमें खाद्य, सहकारिता, कृषि, पंचायत एवं ग्रामीण विकास एवं वित्त विभाग के अधिकारी शामिल होंगे।
- मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में पशुपालन एवं डेयरी विभाग में भारत सरकार की नवीन राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना का क्रियान्वयन करने का निर्णय लिया। राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना को वर्ष 2014-15 में प्रारंभ किया गया था। जिसका उद्देश्य मुख्यत: पशु नस्ल विकास, रोज़गार सृजन, पशुओं की उत्पादकता बढ़ाना, अनुसंधान कर मैदानी स्तर पर लाना तथा उद्यमिता विकास करना है।
- राष्ट्रीय पशुधन मिशन में उक्त गतिविधियों को शामिल कर तीन उप मिशन बनाए गए हैं। पहला पशुधन एवं कुक्कुट के नस्ल विकास पर उप मिशन, दूसरा चरी-चारा विकास उप मिशन और तीसरा इनोवेशन तथा विस्तार उप मिशन है।
- राष्ट्रीय पशुधन मिशन के क्रियान्वयन से राज्य में पशुओं की नस्ल में सुधार होगा। पशुओं की उत्पादकता में वृद्धि होगी। नवीन तकनीक विकसित होकर ज़मीनी स्तर पर पहुँचेगी। इससे पशुपालकों की आय में वृद्धि होगी।