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हरियाणा मंत्रिमंडल के महत्त्वपूर्ण निर्णय

  • 12 Oct 2023
  • 7 min read

चर्चा में क्यों?

11 अक्तूबर, 2023 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आयोजित हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा नगर शहरी निर्मित-योजना सुधार नीति 2023 को मंज़ूरी देने के साथ ही कई अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।

प्रमुख बिंदु

  • हरियाणा नगर शहरी निर्मित-योजना सुधार नीति 2023 के तहत हरियाणा के अनियोजित क्षेत्र में आवासीय भूखंडों को व्यावसायिक उपयोग में बदलने की अनुमति दी जाएगी। शर्त यह है कि कॉलोनी कम-से-कम 50 साल पहले बनी हो।
    • यह नीति हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी), हाउसिंग बोर्ड (हरियाणा), हरियाणा राज्य औद्योगिक बुनियादी ढाँचा विकास निगम और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के क्षेत्रों को छोड़कर नगर पालिका सीमा के मुख्य क्षेत्रों के भीतर बसे आवासीय क्षेत्रों में लागू होगी।
    • यह योजना उन प्लॉटों पर भी लागू होगी, जिन्होंने अपने प्लॉट को विभाजित कर दिया था। फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर), ग्राउंड कवरेज और प्लॉट की ऊँचाई जैसे पैरामीटर मूल आवासीय योजना के अनुरूप रहेंगे। मूल योजना की बिल्डिंग लाइन का भी रखरखाव किया जाएगा।
    • आवेदन प्रक्रिया को शहरी स्थानीय निकाय विभाग की ओर से विकसित एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से सुविधाजनक बनाया जाएगा। आवेदन के लिये संपत्ति मालिकों को रूपांतरण शुल्क के रूप में 10 रुपए प्रति वर्ग मीटर जाँच शुल्क का भुगतान और वाणिज्यिक कलेक्टर दर का पाँच फीसदी विकास शुल्क देना होगा।
    • परिवर्तित क्षेत्र पर उन्हें 160 रुपए प्रति वर्ग मीटर का कंपोजिशन शुल्क भी देना होगा। इसके लिये आवेदक को 31 मार्च, 2024 तक आवेदन करना होगा। अगर इस समयावधि के दौरान भूखंड मालिक आवेदन नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
    • अवैध व्यावसायिक भवनों की पहचान करने और रास्ते के अधिकारों व प्रभावित भूखंडों का नक्शा बनाने के लिये सर्वेक्षण किया जाएगा। अगर किसी संपत्ति को अस्वीकार कर दिया जाता है या नियमितीकरण के लिये आवेदन नहीं किया जाता है तो नगर पालिकाएँ अवैध निर्माण को तोड़कर इमारत को मूल स्थिति में बहाल कर सकती हैं या लाइसेंस रद्द कर सकती हैं।
  • मंत्रिमंडल की बैठक में नगर पालिकाओं और नगर सुधार ट्रस्टों की ओर से आवंटित सिंगल (एकल) बूथ, दुकानों और सर्विस बूथों पर पहली मंज़िल या बेसमेंट या दोनों के निर्माण को मंज़ूरी दी गई। इसके लिये भी नीति को मंत्रिमंडल ने मंज़ूरी दी है।
    • बूथ पर पहली मंज़िल या बेसमेंट या दोनों के मौजूदा अनधिकृत निर्माण का नियमित करने के लिये 31 मार्च, 2024 तक आवेदन करना होगा।
    • पहली मंज़िल या बेसमेंट या बूथ के निर्माण के लिये नई अनुमति हेतु समय-सीमा तय नहीं है। यह नीति उन नियंत्रित क्षेत्रों पर लागू नहीं होगी, जिनके लिये भूमि उपयोग परिवर्तन (सीएलयू) की अनुमति की आवश्यकता होती है।
    • इसमें नगर पालिका सीमा के भीतर नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग से स्वीकृत लाइसेंस प्राप्त योजनाएँ भी शामिल नहीं हैं।
    • इसके अलावा नीति में तहबाज़ारी या खोका के तहत दुकानों या नगर पालिकाओं की ओर से आवंटित किसी भी अस्थायी संरचना को शामिल नहीं किया गया है।
    • आवेदकों से प्रस्तावित कुल निर्मित क्षेत्र पर 10 रुपए प्रति वर्ग मीटर का शुल्क लिया जाएगा। मौजूदा प्रथम तल या बेसमेंट निर्माण के नियमितीकरण के लिये शुल्क 10 रुपए प्रति वर्ग मीटर है, लेकिन यह भूतल पर संरचना सहित भूखंड पर प्रस्तावित और मौजूदा निर्मित क्षेत्र, दोनों पर लागू होता है।
  • बैठक में हरियाणा डिजिटल मीडिया विज्ञापन नीति को मंज़ूरी दी गई। यह नीति सोशल मीडिया समाचार चैनलों और सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर को शामिल करने के लिये लाई गई है।
    • वर्ष 2007 और 2020 की मौजूदा नीति केवल प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और वेबसाइट तक ही सीमित थी। नई नीति के तहत सोशल मीडिया समाचार चैनलों को उनके ग्राहकों, अनुयायियों और सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट की संख्या को ध्यान में रखते हुए पैनल में शामिल करने के लिये पाँच श्रेणियाँ बनाई गई हैं।
    • डीआईपीआर हरियाणा की ओर से इन श्रेणियों के अनुसार सोशल मीडिया समाचार चैनलों को सूचीबद्ध किया जाएगा। पैनल सलाहकार समिति प्रत्येक श्रेणी, विज्ञापन प्रारूप और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिये समय-समय पर दरें तय करेगी।
  • मंत्रिमंडल ने प्रदेश के पत्रकारों की पेंशन को 10 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 15 हज़ार रुपए करने की भी मंज़ूरी दे दी है।
  • मंत्रिमंडल ने यात्रियों की सुविधा के लिये स्टेट कैरिज बसों के किराये में पाँच रुपए तक के किराये को राउंड ऑफ करने की मंज़ूरी दी है। साढ़े सात किमी. तक यात्रा करने पर पाँच रुपए और आठ से दस किमी. की यात्रा करने पर दस रुपए लिये जाएंगे। इससे अब आम जनता के साथ-साथ कंडक्टरों को भी सिक्कों और चेंज जैसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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