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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ मंत्रिपरिषद के महत्त्वपूर्ण निर्णय

  • 07 Sep 2022
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

6 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के कल्याण और विकास के लिये पृथक्-पृथक् विभागों के गठन के निर्णय के साथ ही अन्य कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।

प्रमुख बिंदु 

  • मंत्रिपरिषद की बैठक में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के कल्याण और विकास के लिये पृथक्-पृथक् विभागों के गठन का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। इससे इन वर्गों के लिये संचालित कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों का अधिक सुव्यवस्थित तरीके से क्रियान्वयन हो सकेगा।
  • राज्य शासन द्वारा अधिसूचित अनुसूचित क्षेत्रों बस्तर और सरगुजा संभाग के ज़िलों तथा बिलासपुर संभाग के कोरबा और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के ज़िला स्तरीय एवं संभाग स्तरीय पदों पर नियुक्त व्यक्तियों का स्थानांतरण, प्रतिनियुक्ति, संविलियन, संलग्नीकरण ज़िले और संभाग के बाहर नहीं किया जाएगा।
  • किसानों के सहकारी ऋणों पर ब्याज अनुदान नियम 2021 में संशोधन प्रारूप का अनुमोदन किया गया, जिसके अनुसार उद्यानिकी कार्यों, मत्स्य पालन एवं गोपालन के लिये लघु और सीमांत किसानों को 3 लाख रुपए तक का अल्पकालीन ऋण बिना ब्याज के मिलेगा।
  • राज्य में किसानों के हित में कृषि और उससे संबंधित उद्यानिकी, मछलीपालन, पशुपालन आदि संबद्ध विभागों की गतिविधियों को एक ही जगह से क्रियान्वित करने के लिये अन्य विभागों की भाँति नवा रायपुर अटल नगर के सेक्टर 19 में कृषि भवन के निर्माण का निर्णय लिया गया। इसके लिये एक रुपए टोकन में भूमि आबंटित करने का निर्णय लिया गया।
  • राज्य में पंप स्टोरेज आधारित जल विद्युत परियोजनाओं की स्थापना हेतु निवेश को प्रोत्साहन देने के लिये छत्तीसगढ़ राज्य जल विद्युत परियोजना (पंप स्टोरेज आधारित) स्थापना नीति 2022 का अनुमोदन किया गया।
  • लघु जल विद्युत परियोजना की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिये विभागीय नीति-2012 में वृद्धि के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। वर्तमान में 25 मेगावाट क्षमता की लघु जल विद्युत परियोजना की स्थापना हेतु जारी अधिसूचना, जिसकी अवधि फरवरी 2022 में समाप्त हो चुकी है, में 10 वर्ष की वृद्धि करने का निर्णय लिया गया।
  • जल संसाधन विभाग की सिंचाई नहरों के सर्विस बैंक में पक्की सड़कों का निर्माण जल संसाधन विभाग की मद से कराए जाने की बजाय अन्य निर्माण विभागों की मद से कराए जाने का निर्णय लिया गया, ताकि सिंचाई विभाग की राशि का उपयोग राज्य में सिंचाई क्षमता को बढ़ाने में किया जा सके।
  • आज़ादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत छत्तीसगढ़ की संस्कृति पर केंद्रित लघु फिल्म और स्वतंत्रता के 75 वर्ष और आगामी 25 वर्ष में नए भारत के निर्माण संबंधी डाक्यूमेंट्री निर्माण की कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की गई।
  • प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत राज्यांश राशि की पूर्ति हेतु ऋण प्राप्त करने के लिये विभाग को स्वीकृत प्रत्याभूति की अवधि मार्च 2022 को दिसंबर 2024 (मिशन अवधि) तक बढ़ाए जाने का निर्णय लिया गया।
  • मिशन अमृत 0 योजना के क्रियान्वयन हेतु राज्य स्तरीय हाई पावर स्टेयरिंग कमेटी द्वारा अनुमोदित वित्तीय संरचना की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई। मिशन अमृत 2.0 योजना में प्रदेश के 169 नगरीय निकायों को सम्मिलित किया गया है, जिसके तहत नगरीय निकायों में जल प्रदाय और आवर्धन योजना के कार्य को प्राथमिकता से कराया जाना है।
  • प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महा अभियान (पीएम कुसुम) योजना के कंपोनेंट-सी के अंतर्गत कृषि फीडरों को सौर ऊर्जा के माध्यम से ऊर्जीकृत किये जाने हेतु 810 मेगावाट (डी.सी.)/675 मेगावाट (ए.सी.) क्षमता के सोलर पावर प्लांट लगाने के विभागीय प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
  • कृषि पंपों का सोलराईजेशन किये जाने से कृषकों को कृषि पंपों के संचालन हेतु वर्तमान में प्राप्त हो रही बिजली के अतिरिक्त सौर ऊर्जा भी प्राप्त होगी। अत: सौर ऊर्जा उपलब्धता के समय कृषि पंपों का संचालन सोलर ऊर्जा से होगा तथा सोलर ऊर्जा उपलब्ध नहीं होने पर वर्तमान में मिल रही बिजली मिलती रहेगी।
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