झारखंड
तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान हेतु ‘क्रियान्वयन निर्देशिका’ का विमोचन
- 25 Aug 2022
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चर्चा में क्यों?
24 अगस्त, 2022 को एमडीआई भवन सभागार, धुर्वा में झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो एवं स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने संयुक्त रूप से तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान हेतु ‘क्रियान्वयन निर्देशिका’का विमोचन किया।
प्रमुख बिंदु
- यह ‘क्रियान्वयन निर्देशिका’स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखंड सरकार एवं सोशियो इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसायटी (सीडस) के द्वारा तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान (टीओएफईआई) की गतिविधियों का अनुपालन सुनिश्चित कराने हेतु बनाई गई है।
- स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि तंबाकू के सेवन से झारखंड के लोगों को बचाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इसी कारण सरकार ने राजस्व के नुकसान की परवाह किये बगैर लोगों के स्वास्थ्य को सर्वोपरि रखा है और तंबाकू को राज्य में प्रतिबंधित किया है।
- फूड सेफ्टी एक्ट के तहत सरकार ने 11 नामजद तंबाकू पदार्थों को राज्य में प्रतिबंधित किया है। तंबाकू उन्मूलन अभियान को सख्ती के साथ लागू किया है। डब्लूएचओ ने भी झारखंड में तंबाकू उन्मूलन अभियान के कार्य को प्रोत्साहित, सम्मानित और पुरस्कृत भी किया है।
- स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्कूली बच्चों को तंबाकू सेवन से मुक्ति हेतु कई प्रयास किये जा रहे हैं, जिसमें स्कूल परिसर के 100 गज के दायरे में किसी तरह के तंबाकू की ख़रीद-बिक्री पर पूरी तरह रोक है। कोटपा कानून लागू है, जिसमें सजा के प्रावधान हैं। तंबाकू उन्मूलन अभियान से पहले झारखंड में 50 प्रतिशत लोग तंबाकू का सेवन करते थे, परंतु अब यह घट कर 9 प्रतिशत पर आ गया है।
- दीपक मिश्रा एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सीड्स, नई दिल्ली ने तंबाकू के दुष्परिणामों, कानून में तंबाकू की ख़रीद-बिक्री के बारे में इसके सजा के प्रावधान से संबंधित जानकारी प्रेजेंटेशन के माध्यम से दी।
- उनहोंने बताया कि भारत में तंबाकू सेवन से होने वाली बीमारियों से प्रतिवर्ष लगभग 13 लाख लोगों की मौत होती है। झारखंड में 38.9 प्रतिशत लोग तंबाकू का सेवन करते हैं, जिसमें से 34.5 प्रतिशत लोग चबाने वाले तंबाकू का सेवन करते हैं। ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे-19 के अनुसार झारखंड में 13.15 वर्ष के 5.1 प्रतिशत बच्चे/अवयस्क किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं।