लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



State PCS Current Affairs

उत्तर प्रदेश

यमुना तट पर अवैध खनन

  • 18 May 2024
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

रेत खनन माफियाओं के खिलाफ संयुक्त छापेमारी में खनन विभाग और लोनी प्रशासन ने लोनी के पचेरा में यमुना तट से अर्थमूवर्स, ट्रक और ट्रॉली ज़ब्त की हैं।

मुख्य बिंदु:

  • लोनी में यमुना नदी के किनारे 15 किलोमीटर तक विस्तृत भूमि के एक हिस्से, जिसके अंतर्गत पचैरा, बदरपुर और नौरसपुर गाँव आते हैं, को रेत खनन के लिये किराये पर दिया गया है।
  • पचेरा में लीज़ की 48 एकड़ ज़मीन जिसे 5 वर्ष के लिये किराये पर दिया गया है, से 1.5 किमी. दूर अवैध रेत खनन किया जा रहा था।
  • नदियों का संधारणीय रेत खनन सुनिश्चित करने के लिये उचित समय-सीमा के भीतर पुनःपूर्ति की प्राकृतिक प्रक्रिया के माध्यम से रेत निष्कर्षण के दौरान बने खदान गड्ढों का पुनर्भरण अति आवश्यक है।
  • नदी के किनारे संवेदनशील स्थानों पर प्रायः अवैध गहन खनन किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप गहरे गड्ढे बन जाते हैं।
  • आंशिक रूप से यमुना नदी के किनारे अवैध रेत खनन गतिविधियों के कारण छोड़े गए गहरे गड्ढों के कारण वर्ष 2023 में लोनी क्षेत्र में बाढ़ से काफी नुकसान हुआ।

यमुना नदी

  • परिचय: यमुना नदी उत्तर भारत में गंगा की प्रमुख सहायक नदियों में से एक है।
    • यह विश्व के व्यापक जलोढ़ मैदानों में से एक यमुना-गंगा मैदान का एक अभिन्न भाग है।
  • स्रोत: इसका स्रोत निचली हिमालय पर्वतमाला में बंदरपूंँछ शिखर के दक्षिण-पश्चिमी तट पर 6,387 मीटर की ऊँचाई पर यमुनोत्री ग्लेशियर में स्थित है।
  • बेसिन: यह उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली से प्रवाहित होते हुए उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम (जहाँ कुंभ मेला आयोजित होता है) स्थल पर गंगा में मिल जाती है।
  • महत्त्वपूर्ण बाँध: लखवार-व्यासी बाँध (उत्तराखंड), ताजेवाला बैराज बाँध (हरियाणा) आदि।
  • महत्त्वपूर्ण सहायक नदियाँ: चंबल, सिंध, बेतवा और केन।
  • यमुना नदी से संबंधित सरकारी पहल:
  • यमुना एक्शन प्लान
  • फरवरी 2025 तक यमुना को साफ करने के लिये दिल्ली सरकार की छह सूत्री कार्य योजना

रेत खनन

  • रेत खनन को उत्तरोत्तर प्रसंस्करण के लिये मूल्यवान खनिजों, धातुओं, पत्थर, रेत और बजरी के निष्कर्षण हेतु प्राकृतिक पर्यावरण (स्थलीय, नदी, तटीय या समुद्री) से प्राथमिक प्राकृतिक रेत व रेत संसाधनों (खनिज रेत और समुच्चय) को हटाने के रूप में परिभाषित किया गया है।
  • विभिन्न कारकों से प्रेरित यह गतिविधि पारिस्थितिक तंत्र और समुदायों के लिये गंभीर संकट उत्पन्न करती है।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2