छत्तीसगढ़
ग्रामीण औद्योगिक पार्क में उपयोग किये जाएंगे आईजीएयू के नवाचार
- 09 Oct 2021
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चर्चा में क्यों?
8 अक्टूबर, 2021 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कृषि उत्पादों को संसाधित करने के प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिये इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (आईजीएयू) के नवाचारों का उपयोग गाँवों में स्थापित किये जा रहे ग्रामीण औद्योगिक पार्क में किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने कहा कि आईजीकेयू के नवाचार कृषि और लघु वनोपज उत्पादों के प्रसंस्करण में मदद करेंगे। उन्होंने कहा, महात्मा गांधी के ‘ग्राम स्वराज’ के दृष्टिकोण के अनुसार गाँवों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में राज्य सरकार काम कर रही है।
- इस दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने आईजीएयू परिसर में एक कृषि विज्ञान केंद्र भवन, एक अक्ती जैवविविधता संग्रहालय और एक ज्ञान केंद्र भवन का भी उद्घाटन किया।
- इसके साथ ही उन्होंने धान (paddy), सोयाबीन (soyabean), मक्का (maize) और रास्पबेरी (raspberry) सहित आठ फसलों की उन्नत किस्मों के बीज लॉन्च किये और विश्वविद्यालय द्वारा विकसित चावल से प्रोटीन और ग्लूकोज को अलग करने की तकनीक का उद्घाटन भी किया।
- गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ लघु वनोपजों के संग्रहण के मामले में विगत दो वर्षों से देश में लगातार अव्वल बना हुआ है। ‘द ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (ट्राईफेड)’ द्वारा जारी किये गए आँकड़ों के अनुसार राज्य में चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान प्रथम तिमाही, माह अप्रैल से जून तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 80 करोड़ 12 लाख रुपए की राशि के 2 लाख 77 हज़ार 958 क्विंटल लघु वनोपजों की खरीदी की गई है, जो देश में इस दौरान 93 करोड़ रुपए मूल्य के कुल संगृहीत लघु वनोपजों का 88.36 प्रतिशत है।