आईसीएच वायरस | 26 Mar 2022

चर्चा में क्यों?

हाल ही में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर ज़िले के कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में तीन भालुओं की इनफेक्शियस कैनाइन हेपेटाइटिस (आईसीएच) वायरस से मौत हो गई, जिससे जू के 632 अन्य वन्य जीवों पर आईसीएच का खतरा मँडरा रहा है।

प्रमुख बिंदु 

  • जू प्रबंधन ने बताया कि आईसीएच संक्रमण के कारण बीते 26 दिनों में दो नर भालुओं तथा एक मादा भालू कविता की मौत हो गई है। कविता उन दो मृत भालुओं के संपर्क में थी, जिनकी पहले मौत हो चुकी थी। 
  • कानन पेंडारी के डीएफओ विष्णु नायर ने बताया कि भालुओं में आईसीएच का संक्रमण कहाँ से फैला, यह नहीं कहा जा सकता। ये केवल कैनाइन प्रजाति के जीवों में ही फैलता है। अन्य जीवों में वायरस का संक्रमण नहीं दिखा है। 
  • उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित वन्य जीव विशेषज्ञ व भालू रेस्क्यू सेंटर के डॉ. ईलाईराजा ने बताया कि ये इनफेक्शियस कैनाइन हेपेटाइटिस के लक्षण हो सकते हैं। यह एक विषाणु जनित बीमारी है। एक बार यह संक्रमण होने पर उसका इलाज नहीं है। भालुओं को केवल कोरोना की तरह आइसोलेशन में रखकर ही बचाव कर सकते हैं।