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उत्तराखंड

मानव-वन्यजीव संघर्ष निवारण निधि (कॉर्प्स फंड)

  • 29 May 2023
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

26 मई, 2023 को उत्तराखंड के वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु ने बताया कि प्रदेश में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को कम करने के लिये विभाग ने मानव-वन्यजीव संघर्ष निवारण और मानव-वन्यजीव संघर्ष निवारण निधि (कॉर्प्स फंड) को हरी झंडी दे दी है। इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • विदित है कि प्रदेश में मानव-वन्यजीव संघर्ष में प्रतिवर्ष 60 से 70 लोगों की मौत हो जाती है तथा ढ़ाई से तीन सौ लोग घायल हो जाते हैं। ऐसी घटनाओं में तत्काल राहत पहुँचाने के लिये राज्य सरकार ने मानव-वन्यजीव संघर्ष निवारण प्रकोष्ठ के साथ ही दो करोड़ रुपए के कॉर्प्स फंड की स्थापना की है। 
  • इस धनराशि में राज्य सरकार अपने विवेक से कमी एवं वृद्धि भी कर सकेगी। खास बात यह है कि धनराशि नॉन लेप्सेबल होगी। यानि हर साल जितना भी फंड बचेगा, वह आगे भी बना रहेगा और आगे जो राशि प्राप्त होगी, फंड में जुड़ती चली जाएगी। 
  • प्रकोष्ठ में वन विभाग के एक वन क्षेत्राधिकारी, अनुबंध के आधार पर एक जीआईएस विशेषज्ञ और दो जेआरएफ, एसआरएफ विशेषज्ञ की नियुक्ति की जाएगी।  
  • मानव-वन्यजीव संघर्ष निवारण प्रकोष्ठ प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव (चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन) के कार्यालय के तहत संचालित होगा। प्रकोष्ठ की स्थापना राज्य में मानव एवं वन्यजीवों के मध्य होने वाली घटनाओं का वैज्ञानिक विश्लेषण किये जाने के लिये की गई है। 
  • क्या काम करेगा प्रकोष्ठ: 
    • प्रदेश में होने वाली प्रत्येक मानव-वन्यजीव घटना का डाटा इकट्ठा करना।
    • घटना के बाद अनुग्रह राशि के भुगतान की स्थिति में अनुश्रवण करना।
    • सभी घटनाओं का वैज्ञानिक विश्लेषण।
    • अन्य देशों और प्रदेशों में इस विषय में उठाए जा रहे कदमों का अध्ययन।
    • प्रदेश में वन्यजीवों की गणना में भागीदारी।
    • अन्य तकनीकी कार्य।
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