उत्तर प्रदेश के हर विकास खंड में एक-एक बागवानी मॉडल गाँव होंगे विकसित | 10 Oct 2022
चर्चा में क्यों?
9 अक्टूबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के उद्यान एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने लखनऊ के उद्यान भवन में वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभागीय समीक्षा के दौरान अधिकारियों को राज्य की सभी ग्राम पंचायतों तक बागवानी विकास के कार्यक्रमों को पहुँचाने के मकसद से प्रत्येक विकासखंड में एक-एक बागवानी मॉडल गाँव विकसित करने का निर्देश दिया।
प्रमुख बिंदु
- उद्यान एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री ने बताया कि प्रत्येक मॉडल गाँव का उपनिदेशक और डीएचओ स्तर के अधिकारी निरीक्षण करेंगे। साथ ही, जानकारी के लिये मॉडल गाँव के बाहर फ्लैक्स बोर्ड लगाए जाएंगे। इस बोर्ड में दर्शाया जाएगा कि संबंधित गाँव को मॉडल विलेज के रूप में चिह्नित किया गया है।
- उन्होंने निर्देश दिये कि विभाग की रिक्त उपजाऊ भूमि पर आलू, बीज उत्पादन कार्यक्रम को बढ़ाने के लिये विभागीय फार्म हाउस व उत्पादन इकाइयों के पूर्ण विवरण के साथ परिसंपत्तियों के लिये पंजिका अनुरक्षित की जाए तथा उद्यान विभाग की ऐसी भूमि और भवन, जो राजस्व के अभिलेखों में अंकित नहीं हैं, उसे अंकित कराने का कार्य किया जाए।
- उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि नवोन्मेषी कार्यक्रमों के तहत ड्रैगन फ्रूट, स्ट्राबेरी आदि फसलों का क्षेत्र विस्तार करते हुए गुणात्मक उत्पादन को बढ़ाने पर ज़ोर दिया जाए। किसानों को मंडी के पास कोल्ड रूम बनाने के लिये प्रोत्साहित किया जाए।
- उन्होंने निर्देश दिये कि ‘पर ड्राप-मोर-क्रॉप’के तहत कम प्रगति वाले ज़िलों को सप्ताहवार लक्ष्य देकर समीक्षा की जाए। 20 अक्टूबर तक रबी की फसल के बीज वितरित कर दिये जाएँ।
- कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि विभागीय योजनाओं को अधिक प्रभावी ढंग से लागू करते हुए बागवानी विकास के सभी आयामों को समेकित एवं क्लस्टर के रूप में विकसित किया जाए। सभी उपनिदेशक और उद्यान अधिकारी अपने ज़िले में होने वाली औद्यानिक फसलें कितनी मात्रा में हो रही हैं, उसकी रिपोर्ट उपलब्ध कराएँ।
- समीक्षा बैठक में मधुमक्खी पालन के विकास के लिये एक विशिष्ट सेंटर आफ एक्सीलेन्स, लखनऊ में एवं संरक्षित खेती के तहत लखनऊ, बाराबंकी, कानपुर, हापुड़ को चिह्नित कर पाली हाउस/शेडनेट हाउस की स्थापना कराने का निर्णय लिया गया।