एच.एम.आई. तकनीक से ऊर्जीकृत हुआ प्रदेश में पहला 220 के.व्ही. स्तर का पॉवर ट्रांसफार्मर | 23 May 2023
चर्चा में क्यों?
22 मई, 2023 को एमपी ट्रांसको (मध्य प्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी) के मुख्य अभियंता अतुल जोशी ने बताया कि कंपनी ने नवाचार करते हुए प्रदेश में पहली बार 220 के.व्ही. वोल्टेज स्तर पर 160 एम.व्ही.ए. क्षमता का पॉवर ट्रांसफॉर्मर स्काडा नियंत्रण कक्ष जबलपुर से एच.एम.आई. (ह्यूमन मशीन इंटरफेस) तकनीक के सहारे रिमोट से ऊर्जीकृत किया है।
प्रमुख बिंदु
- एमपी ट्रांसको में इस एडवांस्ड टेक्नोलोजी का उपयोग अभी तक नये 132 के.व्ही. वोल्टेज स्तर के सब स्टेशनों और 132 के.व्ही. की लाइनों में सफलतापूर्वक किया जा चुका है, जो रिमोट से ऊर्जीकृत किये गए हैं।
- यह पहली बार है जब 220 के.व्ही. वोल्टेज स्तर पर इस तकनीक का उपयोग कर 160 एम.व्ही.ए. जैसा अति-संवेदनशील उपकरण रिमोट से ऊर्जीकृत किया गया है।
- जबलपुर नयागाँव स्थित 220 के.व्ही. सब स्टेशन में लगभग 6 करोड़ 50 लाख रुपए की लागत से स्थापित नए 160 एम.व्ही.ए. क्षमता के पॉवर ट्रांसफार्मर को इस टेक्नोलोजी का इस्तेमाल कर ऊर्जीकृत किया गया है।
- इस ट्रांसफार्मर के ऊर्जीकृत होने से महाकौशल क्षेत्र की पारेषण क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। महाकौशल क्षेत्र के 8 ज़िलों में मध्य प्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी अपने 58 सब स्टेशनों से विद्युत पारेषण करती है, जिसमें 400 के.व्ही. के दो सब स्टेशन 220 के.व्ही. के 9 सब स्टेशन तथा 132 के.व्ही. के 47 सब स्टेशन शामिल हैं।
- इनमें 400 के.व्ही. साइड 830 एम.व्ही.ए., 220 के.व्ही. साइड 3660 एम.व्ही.ए. तथा 132 के.व्ही. साइड 4607 एम.व्ही.ए. इस प्रकार कुल 9097 एम.व्ही.ए. की ट्रांसफारमेशन कैपेसिटी विद्यमान है।
- महाकौशल क्षेत्र के नरसिंहपुर, दमोह, सिवनी, मंडला, डिंडौरी और कटनी ज़िलों को अब आवश्यकता पड़ने पर जबलपुर से तकरीबन 50 मेगावाट की अतिरिक्त विद्युत उपलब्ध होगी। उल्लेखनीय है कि जबलपुर के इस सब स्टेशन में अमरकंटक, बिरसिंहपुर, बरगी विद्युत उत्पादन केंद्रों के अलावा पॉवर ग्रिड से विद्युत का पारेषण होता है।
- ह्यूमन मशीन इंटरफेस तकनीक में मानव और कंप्यूटर मशीनों का उपयोग कर रिमोट से उपकरणों को नियंत्रित किया जाता है। एमपी ट्रांसको के प्रदेश में क्रियाशील 3 स्काडा कंट्रोल सेंटर में एडीएमएस के सहारे इस तकनीक का उपयोग किया जाता है।
- विदित है कि एमपी ट्रांसको ने पूर्व में भी अपने सिस्टम में अनेक नवाचार किये हैं। इसमें देश में सर्वप्रथम स्टेट लोड डिस्पेच सिस्टम में साइबर सिक्यूरिटी सिस्टम लागू करना, स्काडा प्रणाली लागू करना, ट्रांसमिशन लाइनों की ड्रोन से पेट्रोलिंग, 400 के.व्ही. के सब स्टेशनों को रिमोट से संचालित करने की योजना जैसे नवाचार शामिल हैं।