छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ का ऐतिहासिक 27वाँ भोरमदेव महोत्सव 19 एवं 20 मार्च को
- 03 Mar 2023
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चर्चा में क्यों?
2 मार्च, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध भोरमदेव मंदिर के नाम से आयोजित होने वाले भोरमदेव महोत्सव 2023 का आयोजन आगामी 19 और 20 मार्च को किया जाएगा। यह 27वाँ भोरमदेव महोत्सव होगा।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक, पुरातात्त्विक, धार्मिक, पर्यटन और ऐतिहासिक महत्त्व के स्थल भोरमदेव मंदिर की ख्याति को बढ़ाने हेतु प्रतिवर्ष चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष तेरस के समय भोरमदेव महोत्सव का आयोजन किया जाता है।
- इस महोत्सव का आयोजन छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति एवं पर्यटन विभाग भोरमदेव महोत्सव आयोजन समिति, ज़िला प्रशासन, भोरमदेव तीर्थ प्रबंधकारिणी समिति एवं जनसहयोग से किया जाता है।
- प्रारंभ में भोरमदेव में महाशिवरात्रि एवं चैत्र कृष्ण तेरस को दो तिथियों पर मेले का आयोजन किया जाता रहा है। सन् 1995 में अविभाजित मध्य प्रदेश में तेरस मेला को भोरमदेव महोत्सव का स्वरूप दिया गया। 1998 में कबीरधाम ज़िला गठित होने के बाद 1999 में भोरमदेव महोत्सव का पाँचवां आयोजन हुआ। छत्तीसगढ़ नया राज्य गठित होने के बाद 2001 में भोरमदेव महोत्सव का सातवाँ आयोजन हुआ।
- भोरमदेव छत्तीसगढ़ के कबीरधाम ज़िले में कवर्धा से 18 किमी. दूर तथा राजधानी रायपुर से 125 किमी. दूर चौरागाँव में एक हज़ार वर्ष पुराना मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।
- मंदिर कृत्रिमतापूर्वक पर्वत शृंखला के बीच स्थित है, यह लगभग 7 से 11 वीं शताब्दी तक की अवधि में बनाया गया था। इस मंदिर में खजुराहो मंदिर की झलक दिखाई देती है, इसलिये इस मंदिर को ‘छत्तीसगढ़ का खजुराहो’भी कहा जाता है।
- मंदिर का मुख पूर्व की ओर है। मंदिर नागर शैली का एक सुंदर उदाहरण है। मंदिर में तीन ओर से प्रवेश किया जा सकता है। मंदिर एक पाँच फुट ऊँचे चबुतरे पर बनाया गया है। तीनों प्रवेश द्वारों से सीधे मंदिर के मंडप में प्रवेश किया जा सकता है।
- मंडप की लंबाई 60 फुट है और चौड़ाई 40 फुट है। मंडप के बीच में 4 खंबे हैं तथा किनारे की ओर 12 खंबे हैं, जिन्होंने मंडप की छत को सँभाल रखा है। सभी खंबे बहुत ही सुंदर एवं कलात्मक हैं। प्रत्येक खंबे पर कीचन बना हुआ है, जो कि छत का भार सँभाले हुए है।
भोरमदेव मंदिर, कवर्धा