बुजुर्गों, दिव्यांगजन और तृतीय लिंग समुदाय के लिये हेल्पलाईन सुविधा शुरू | 05 Dec 2022
चर्चा में क्यों?
3 दिसंबर, 2022 को अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में महिला बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया और नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने बुजुर्गों, दिव्यांगजनों और तृतीय लिंग समुदाय के लोगों को आपात् कालीन स्थिति में जरूरी सुविधा उपलब्ध कराने के लिये शुरू की गई नई हेल्पलाइन सुविधा का विधिवत् शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
इस सुविधा के जरिये मेडिकल सहायता, पेंशन के साथ ही विभिन्न योजनाओं में आ रही दिक्कतों का त्वरित समाधान किया जाएगा। इस नई हेल्पलाइन सुविधा का संचालन समाज कल्याण विभाग द्वारा किया जा रहा है।
- गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य स्थापना दिवस से बुजुर्गों, दिव्यांग और तृतीय लिंग समुदाय के लिये हेल्पलाईन नंबर 155326 और टोल फ्री नंबर- 1800-233-8989 की सुविधा शुरू करने की घोषणा की थी। समाज कल्याण विभाग द्वारा इस सुविधा का संचालन प्रायोगिक तौर पर किया जा रहा था। अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर इसका विधिवत् शुभारंभ हुआ है।
- इस नई सुविधा से महतारी एक्सप्रेस-102, मेडिकल हेल्पलाइन 104 और आपात् कालीन सेवाओं के लिये जारी नंबर 112 को भी जोड़ा गया है। इससे बुजुर्ग, दिव्यांग और तृतीय लिंग समुदाय के लोगों को बेहतर सुविधा मिलेगी।
- उल्लेखनीय है कि ऐसे वृद्धजन जो घर में अकेले हों और जिनकी संतानें प्रदेश के बाहर कार्यरत हैं, उनके लिये आपात् स्थितियों में सहायता के लिये प्रदेश में कोई प्रभावी व्यवस्था नहीं थी। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 1 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ में बुजुर्गों के लिये एक नवंबर (राज्य निर्माण दिवस) से सियान हेल्पलाइन शुरू करने की घोषणा की थी।
- समाज कल्याण विभाग द्वारा वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजन और उभयलिंग व्यक्तियों के कल्याण और पुनर्वास के लिये कई योजनाएँ और कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। हेल्पलाईन और टोल फ्री नंबर के माध्यम से विभागीय योजनाओं की जानकारी के साथ आपात्कालीन सेवाएँ, परामर्श, शिकायत, पेंशन भुगतान के निराकरण संबंधी अनेक कार्यों के लिये मदद ली जा सकती है।
- इस अवसर पर महिला बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री अनिला भेंड़िया ने कहा कि मुख्यमंत्री के अनुमोदन पर हर वर्ष लगभग 10 हज़ार दिव्यांगजनों को मोटराईज्ड ट्राइसाइकिल सहित अन्य पुनर्वास उपकरण वितरित किये जाएंगे। इसी प्रकार 15 हज़ार दिव्यांगजनों को उनके रूचि के मुताबिक रोज़गार से जोड़ने के लिये कौशल उन्नयन प्रशिक्षण दिया जाएगा। इनमें 5-5 हज़ार अस्थि बाधित, दृष्टि बाधित और मुक बधिर दिव्यांगजनों को कौशल उन्नयन प्रशिक्षण देने की कार्ययोजना बनाई गई है।