अतिक्रमणकारियों से कई हेक्टेयर जंगल मुक्त कराया गया | 09 Jul 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में खंडवा वन विभाग ने कहा कि उन्होंने लगभग 100 हेक्टेयर वन को पुनः प्राप्त कर लिया है, जिस पर कृषि उद्देश्यों के लिये व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण किया गया था।
- वन को पुनः प्राप्त करने के लिये विभाग ने बड़ी संख्या में वृक्षों को काटकर अतिक्रमणकारियों द्वारा उगाई गई फसलों को नष्ट कर दिया।
मुख्य बिंदु
- अवैध फसलों को नष्ट करने और खेतों को समतल करने के लिये मृदा हटाने वाली मशीनों तथा ट्रैक्टरों का उपयोग किया गया।
- अधिकारी के अनुसार, अगले कुछ दिनों में शेष हिस्सों को साफ कर दिया जाएगा, जिसके बाद वहाँ बीज-गेंदें लगाकर और वायर फेंसिंग लगाकर वन को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जाएगा।
- इन अतिक्रमित वनों का उपयोग सोयाबीन और मक्का की फसलों की खेती के लिये किया गया, जिसके परिणामस्वरूप वन पारिस्थितिकी तंत्र को काफी नुकसान पहुँचा है।
अतिक्रमण
- अतिक्रमण का आशय किसी और की संपत्ति का अनधिकृत उपयोग अथवा कब्ज़ा करने से है। सामान्यतः परित्यक्त अथवा अप्रयुक्त संपत्तियों के रखरखाव में सक्रिय रूप से शामिल नहीं होने की स्थिति में संपत्ति स्वामी की संपत्ति पर अतिक्रमण कर लिया जाता है। संपत्ति के स्वामियों को ऐसे मामलों से संबंधित विधिक प्रक्रिया और अपने अधिकारों के बारे में जागरूक होना अत्यावश्यक है।
- शहरी अतिक्रमण का तात्पर्य शहरी क्षेत्रों में भूमि अथवा संपत्ति के अनधिकृत कब्ज़े अथवा उपयोग से है।
- इसमें उचित अनुमति अथवा कानूनी अधिकारों के बिना संपत्ति पर अवैध निर्माण, कब्ज़ा अथवा किसी अन्य प्रकार का कब्ज़ा शामिल हो सकता है।
सोयाबीन की फसल
- सोयाबीन भारत में खरीफ की फसल है।
- सोयाबीन (ग्लाइसिन मैक्स) विश्व की सबसे महत्त्वपूर्ण बीज फली है, जो वैश्विक खाद्य तेल में 25% का योगदान देती है, पशुधन आहार के लिये विश्व प्रोटीन सांद्रण का लगभग दो तिहाई है तथा मुर्गी और मछली के लिये तैयार आहार में एक मूल्यवान घटक है।
- यह मुख्य रूप से वर्टिसोल और संबद्ध मृदा में वर्षा आधारित फसल के रूप में उगाया जाता है, जहाँ फसल के मौसम में औसत वर्षा 900 मिमी होती है।
- भारत में प्रमुख उत्पादक राज्य: मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक।