हरियाणा में नए आपराधिक कानून लागू होंगे | 10 Jan 2025
चर्चा में क्यों?
हरियाणा 28 फरवरी, 2025 तक तीनों नए आपराधिक कानूनों को पूरी तरह से लागू करने जा रहा है। 5G तकनीक को व्यापक रूप से अपनाना बल गुणक के रूप में कार्य करेगा, क्योंकि नए कानूनों में अपराध स्थलों और वसूली प्रक्रियाओं की अनिवार्य वीडियोग्राफी के माध्यम से डिजिटल साक्ष्य की आवश्यकता होती है।
मुख्य बिंदु
- समयसीमा और चुनौतियाँ:
- नये कानून में अदालतों के लिये मुकदमे की कार्यवाही पूरी करने के लिये सख्त समयसीमा तय की गई है।
- अदालतों के सामने चुनौतियाँ हैं क्योंकि उन्हें पुराने कानूनों के तहत लंबित मामलों और नए मामलों, दोनों को समयबद्ध तरीके से निपटाना होता है।
- अब न्यायालयों को आरोप-पत्र इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्वीकार करने होंगे, जिससे अपवाद के लिये कोई जगह नहीं बचेगी।
- पुलिस नियमों में संशोधन:
- नये कानूनी ढाँचे के अनुरूप बनाने के लिये मौजूदा पुलिस नियमों में संशोधन की आवश्यकता है।
- उदाहरण के लिये, इलेक्ट्रॉनिक समन वितरण की शुरुआत, जिसका पहले नियमों में उल्लेख नहीं था।
- ई-समन ऐप:
- ई-समन ऐप, सम्मन की भौतिक डिलीवरी की आवश्यकता को समाप्त कर देता है।
- सम्मन इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित किये जाते हैं, मोबाइल डिवाइस या व्हाट्सएप के माध्यम से भेजे जाते हैं तथा स्क्रीनशॉट सिस्टम पर अपलोड किये जाते हैं।
- पुलिस व्यवस्था में तकनीकी उन्नयन:
- उपकरण:
- पुलिस के लिये टैबलेट और मोबाइल हैंडसेट खरीदे जा रहे हैं।
- हरियाणा के प्रत्येक पुलिस स्टेशन में अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टम (CCTNS) से जुड़े छह कंप्यूटर हैं।
- ई-साक्ष्य ऐप:
- इसे इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य अपलोड करने के लिये डिज़ाइन किया गया है, जिसके लिये व्यापक बैकएंड स्टोरेज की आवश्यकता होती है, जिसका प्रबंधन राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) द्वारा किया जाता है।
- विधायी परिवर्तन:
- भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय साक्ष्य संहिता (BNS) और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) ने क्रमशः भारतीय दंड संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और आपराधिक प्रक्रिया संहिता का स्थान लिया।
- 1 जुलाई 2024 से प्रभावी इन कानूनों का उद्देश्य बुनियादी ढाँचे और फोरेंसिक क्षमताओं को दृढ़ करना है।
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC)
- यह भारत सरकार का एक प्रमुख विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान है, जिसकी स्थापना 1976 में की गई थी, जिसका उद्देश्य सरकारी क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रथाओं, एकीकृत सेवाओं और वैश्विक समाधानों को अपनाते हुए ई-सरकार/ई-गवर्नेंस समाधान प्रदान करना है।
- अपराध और अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम
- पृष्ठभूमि:
- अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टम (CCTNS) एक योजनागत योजना है, जिसे गैर-योजनागत योजना- कॉमन इंटीग्रेटेड पुलिस एप्लीकेशन (CIPA) के अनुभव के आधार पर तैयार किया गया है।
- शुरू करना:
- CCTNS गृह मंत्रालय की राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना (NeGP) के अंतर्गत एक मिशन मोड परियोजना है।
- देश भर में लगभग 14,000 पुलिस स्टेशनों के अलावा पुलिस पदानुक्रम में 6000 उच्च कार्यालयों को स्वचालित करने का प्रस्ताव किया गया है।
- इसे वर्ष 2009 में मंज़ूरी दी गई थी।
- उद्देश्य:
- पुलिस थानों के कामकाज को स्वचालित करके पुलिस की कार्यप्रणाली को नागरिक अनुकूल और अधिक पारदर्शी बनाना।
- ICT के प्रभावी उपयोग के माध्यम से नागरिक-केंद्रित सेवाओं की डिलीवरी में सुधार करना।
- अपराध की जाँच और अपराधियों का पता लगाने में सुविधा के लिये सिविल पुलिस के जाँच अधिकारियों को उपकरण, प्रौद्योगिकी और सूचना उपलब्ध कराना।