हरियाणा
हरियाणा गैर-कानूनी धर्मांतरण रोकथाम विधेयक, 2022 पारित
- 23 Mar 2022
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चर्चा में क्यों?
22 मार्च, 2022 को हरियाणा विधानसभा ने बल, अनुचित प्रभाव अथवा लालच के ज़रिये धर्मातरण कराने के खिलाफ हरियाणा गैर-कानूनी धर्मांतरण रोकथाम विधेयक, 2022 (Haryana Prevention of Unlawful Conversions Bill, 2022) पारित किया।
प्रमुख बिंदु
- इसके साथ ही हरियाणा धर्मांतरण विधेयक पारित करने वाला देश का चौथा राज्य बन गया है। इसी तरह के विधेयक हाल में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में पारित किये गए थे।
- उल्लेखनीय है कि 4 मार्च, 2022 को हरियाणा विधानसभा में हरियाणा गैर-कानूनी धर्मांतरण रोकथाम विधेयक, 2022 पेश किया गया था।
- हरियाणा गैर-कानूनी धर्मांतरण रोकथाम विधेयक, 2022 के तहत किया गया प्रत्येक अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होगा।
- इस विधेयक के अनुसार, डिजिटल माध्यम का उपयोग समेत अगर लालच, बल या धोखाधड़ी के ज़रिये धर्म-परिवर्तन कराया जाता है तो एक से पाँच साल की सज़ा और कम-से-कम एक लाख रुपए के जुर्माना का प्रावधान है।
- जो भी नाबालिग या महिला अथवा अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति का धर्म-परिवर्तन कराता है या इसका प्रयास करता है तो उसे कम-से-कम चार साल जेल की सज़ा मिलेगी, जिसे बढ़ाकर 10 साल और कम-से-कम तीन लाख रुपए का जुर्माना किया जा सकता है।
- शादी के इरादे से अपना धर्म छुपाने पर कम-से-कम तीन साल की सज़ा का प्रावधान है, जिसे बढ़ाकर 10 साल तक किया जा सकता है। इसी तरह शादी करने का दोषी पाए जाने वाले को कम-से-कम तीन लाख रुपए का जुर्माना भुगतना होगा।
- विधेयक के मुताबिक, सामूहिक धर्मांतरण की सूरत में कम-से-कम पाँच साल की सज़ा होगी, जोकि बढ़ाकर 10 साल तक की जा सकती है तथा कम-से-कम चार लाख रुपए का जुर्माना किया जाएगा। वहीं जबरन धर्मांतरण साबित होने पर अधिकतम दस साल कैद व न्यूनतम पाँच लाख रुपए का जुर्माना होगा।