हरियाणा
हरियाणा ने अवैध आप्रवासन पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से विधेयक पारित किया
- 02 Mar 2024
- 3 min read
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा विधानसभा ने हरियाणा पंजीकरण एवं निजी कोचिंग संस्थानों के विनियमन विधेयक, हरियाणा राज्य खेल संघ (पंजीकरण एवं विनियमन) विधेयक और हिसार मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी विधेयक के साथ-साथ अवैध आप्रवासन पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से एक विधेयक पारित किया।
मुख्य बिंदु:
- हरियाणा रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन ऑफ ट्रैवल एजेंट्स बिल के प्रावधानों के अनुसार, जो कोई भी मानव तस्करी का प्रयास करेगा या इसमें शामिल पाया जाएगा या जाली दस्तावेज़ तैयार करने में शामिल पाया जाएगा, उसे कम-से-कम तीन वर्ष की कैद की सज़ा दी जाएगी लेकिन जिसे 10 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है और 2-5 लाख रुपए के बीच ज़ुर्माना भी देना होगा।
- राज्य विधानसभा ने हरियाणा निजी कोचिंग संस्थानों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक, 2024 भी पारित किया।
- विधेयक के प्रावधानों के तहत, प्रस्तावित कानून का उल्लंघन करने वाला एक निजी कोचिंग ऐसे प्रत्येक उल्लंघन के लिये उत्तरदायी होगा, जिसमें पहले उल्लंघन के लिये 25,000 रुपए और बाद के उल्लंघन के लिये 1 लाख रुपए का ज़ुर्माना होगा और यदि उल्लंघन फिर भी जारी रहता है तो निजी कोचिंग संस्थानों का पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा।'
- 'निजी कोचिंग संस्थान' का अर्थ है एक ही परिसर में एक संस्थान जिसमें किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के निकाय, कंपनी, समाज या ट्रस्ट द्वारा स्थापित, संचालित या प्रशासित एक ट्यूशन सेंटर शामिल है जो प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिये अध्ययन कार्यक्रम प्रदान करता है लेकिन इसमें प्रति दिन 50 छात्रों तक की व्यक्तिगत होम ट्यूशन शामिल नहीं है।
- सदन ने राज्य और क्षेत्रीय दोनों स्तरों पर नियामक निकाय स्थापित करके खेल संघों के कामकाज के पंजीकरण एवं विनियमन की निगरानी के लिये हरियाणा राज्य खेल संघ (पंजीकरण एवं विनियमन) विधेयक, 2024 भी पारित किया।
- हिसार मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी बिल, 2024 भी पारित किया गया, जिसके अनुसार हिसार मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र का तेज़ी से विकास और आर्थिक विकास के केंद्र के रूप में इसके उद्भव ने शहरी प्रशासन, बुनियादी ढाँचे की कमी, विकेंद्रीकृत निर्णय लेने तथा स्वतंत्र रूप से बनाई गई टाउनशिप में चुनौतियाँ उत्पन्न कर दी हैं जिन्हें नज़रअंदाज़ करने पर हिसार के नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता एवं खुशहाली पर असर पड़ सकता है।