आवारा पशुओं के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में सहायता पर निर्णय लेने के लिये हरियाणा पैनल | 17 Jan 2024
चर्चा में क्यों?
हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल के अनुसार, राज्य सरकार आवारा पशुओं के कारण होने वाली दुर्घटनाओं/घटनाओं से निपटने के लिये महत्त्वपूर्ण कदम उठा रही है।
मुख्य बिंदु:
- ऐसे मामलों में मुआवज़ा निर्धारित करने के लिये सभी ज़िलों में डिप्टी कमिश्नर की अध्यक्षता में एक समिति की स्थापना की गई है, जिसका निर्णय दावा प्रस्तुत करने के चार माह के भीतर होने की उम्मीद है।
- समिति में पुलिस अधीक्षक या पुलिस उपाधीक्षक (यातायात), उप-विभागीय मजिस्ट्रेट और मुख्य चिकित्सा अधिकारी के एक प्रतिनिधि जैसे सदस्य शामिल हैं।
- यह समिति ऐसे मामलों में मुआवज़ें पर निर्णय लेते समय मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के दिशानिर्देशों और मानकों का पालन करेगी।
- निर्णय संबंधित विभाग के प्रमुख सचिव या NHAI (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के परियोजना निदेशक को भेजा जाएगा, जिन्हें छह सप्ताह के भीतर दावेदार को मुआवज़ा देना होगा।
- मुआवज़े के उद्देश्य से आवारा पशुओं में गाय, बैल, कुत्ते, गधे, नीलगाय और भैंस जैसे पशु शामिल होते हैं।
- चंडीगढ़ उच्च न्यायालय ने मुआवज़ें की राशि निर्दिष्ट की है, जैसे कुत्ते के काटने पर 10,000 रुपए और कुत्ते के काटने से घायल होने पर न्यूनतम 20,000 रुपए।
- ऐसी दुर्घटनाओं के लिये मुआवज़ा प्रदान करने हेतु 'दीन दयाल अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना' पहले से ही चल रही थी।
दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना
- हरियाणा सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में 'दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना' शुरू करने की घोषणा की।
- इस योजना के तहत परिवार सूचना डेटा रिपॉजिटरी (FIDR) में सत्यापित डेटा के आधार पर, परिवार के 6 वर्ष से अधिक आयु के सदस्य की मृत्यु या स्थायी दिव्यांगता पर साथ ही जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपए से कम हो उन्हें 60 वर्ष की आयु तक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
- यह योजना मृत्यु या स्थायी दिव्यांगता के समय व्यक्ति की उम्र के आधार पर सहायता प्रदान करेगी।