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हरियाणा ने MBBS बांड नीति में किये कई अहम बदलाव

  • 01 Dec 2022
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

30 नवंबर, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ में छात्रों के प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई बैठक के बाद बताया कि राज्य ने MBBS छात्रों की मांगों को ध्यान में रखते हुए MBBS बांड मामले में कई अहम बदलाव किये हैं।

प्रमुख बिंदु 

  • MBBS बांड नीति में नए बदलावों के बाद जहाँ एक ओर राज्य ने सात साल के बांड एग्रीमेंट की समय सीमा घटाकर 5 वर्ष कर दी है, वहीं इस पाँच वर्ष में PG की पढ़ाई को भी शामिल किया है यानी एक तरह से अब बांड की समय सीमा दो साल होगी।
  • इसके अलावा बांड राशि को जो पहले 40 लाख थी उसे घटाकर 30 लाख कर दिया है। इसमें से यदि फीस घटा दी जाए तो यह राशि करीब 25 लाख होगी और लड़कियों के लिये इसमें दस फीसदी की छूट का निर्णय भी लिया गया है। इस राशि में संस्थान की फीस शामिल नहीं है।
  • इस नीति में यह भी फैसला लिया गया है कि यदि MBBS की पढ़ाई कर रहे किसी छात्र के साथ कोई अनहोनी हो जाती है तो उसका परिवार बांड राशि भरने के लिये बाध्य नहीं होगा। 
  • इस नीति में बताया गया है कि पढ़ाई के बाद एक साल के भीतर MBBS छात्र को सरकारी नौकरी (अनुबंधित) दी जाएगी। इसके अलावा यदि कोई छात्र पढ़ाई पूरी करने के बाद प्राइवेट नौकरी करता है और उसका वेतन सरकार द्वारा मेडिकल ऑफिसर को दिये जा रहे वेतन से कम है तो उसे तब तक बांड की राशि नहीं देनी होगी जब तक उसका वेतन मेडिकल ऑफिसर के वेतन के बराबर या उससे ज़्यादा नहीं होता। ऐसी स्थिति में सरकार उसे अनुबंधित नौकरी ऑफर करेगी।
  • गौरतलब है कि हरियाणा सरकार ने चिरायु, आयुष्मान भारत और निरोगी हरियाणा जैसी अनेक योजनाएँ चलाई हैं जो प्रदेश के लोगों को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान करने के लिये शुरू की गई हैं। इसके अलावा राज्य में सभी ज़िलों में मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं और सरकारी अस्पताल खोले जा रहे हैं जिसकी वजह से सरकार को आने वाले समय में काफी संख्या में डॉक्टरों की ज़रूरत पड़ेगी।
  • मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में मेडिकल कॉलेज, डेंटल कॉलेज, होम्योपैथिक कॉलेज व नर्सिंग कॉलेज इत्यादि की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2014 में प्रदेश में 7 मेडिकल कॉलेज थे और एमबीबीएस सीटें केवल 700 थी। वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान 6 कॉलेज खोले गए और अब एमबीबीएस सीटों की संख्या बढ़कर 1735 हो गई है।
  • उन्होंने बताया कि राज्य की हर ज़िले में मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना है। कई ज़िलों में मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं तथा इन मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कार्य पूरा होते ही एमबीबीएस के लिये 3000 छात्रों के दाखिले किये जाएंगे।
  • राज्य में एमबीबीएस की सीटें बढ़ाई गई हैं और भविष्य में भी इन सीटों को बढ़ाया जाएगा ताकि डॉक्टरों की कमी को पूरा किया जा सके।
  • प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि 1000 की जनसंख्या के ऊपर एक डॉक्टर की तैनाती के लक्ष्य को पूरा किया जाए। यह मापदंड विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित किया गया है।
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