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हरियाणा, हिमाचल सरकार ने बांध निर्माण के लिये समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये

  • 22 Jan 2022
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

21 जनवरी, 2022 को हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की सरकारों के बीच 215.35 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से आदिबद्री बांध के निर्माण के लिये एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए।

प्रमुख बिंदु

  • पंचकूला में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटेर और हिमाचल प्रदेश के उनके समकक्ष जयराम ठाकुर के समक्ष दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।
  • यह बांध हिमाचल प्रदेश में 31.66 हेक्टेयर भूमि पर बनाया जाएगा और हर साल 224.58 हेक्टेयर मीटर पानी का भंडारण करेगा, जिसमें से हिमाचल प्रदेश को 61.88 हेक्टेयर मीटर और हरियाणा को शेष 162 हेक्टेयर मीटर पानी मिलेगा। 
  • आदिबद्री बांध बनने से सरस्वती नदी में लगातार 20 क्यूसेक पानी बहेगा। इससे सरस्वती में साल भर पानी बहता रहेगा। इस बाँध की चौड़ाई 101.06 मीटर और ऊँचाई 20.5 मीटर होगी।
  • खटेर ने कहा कि आदि बद्रीबांध के निर्माण से कई वर्षों से विलुप्त सरस्वती नदी का कायाकल्प होगा। सरस्वती नदी के जीर्णोद्धार से प्राचीन काल से धार्मिक मान्यताओं को भी पुनर्जीवित किया जाएगा, साथ ही इस क्षेत्र को तीर्थस्थल के रूप में भी विकसित किया जाएगा।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि सरस्वती नदी पर शोध करने के लिये कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में एक पीठ स्थापित की गई है, इसके अलावा हरियाणा सरस्वती विरासत विकास बोर्ड भी स्थापित किया गया है। हरियाणा सरकार ने सरस्वती नदी के लिये आदि बद्री से कैथल होते हुए घग्गर नदी तक 200 किमी. के क्षेत्र को अधिसूचित किया है।
  • खटेर ने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य सरस्वती नदी को पुनर्जीवित करने के साथ-साथ भूजल स्तर को बढ़ाना है। बांध के चालू होने से बरसात के दिनों में अत्यधिक बारिश से उत्पन्न बाढ़ की स्थिति से भी निपटा जा सकेगा। इसके पास बन रही झील से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
  • उन्होंने कहा कि कालका से लेकर कालेसर तक का क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से बहुत महत्त्वपूर्ण है। इस क्षेत्र में आदिबद्री, लोहागढ़, कपालमोचन, माता मंत्र देवी समेत कई धार्मिक और पर्यटन स्थल आते हैं। बांध के साथ-साथ झील के विकास से यहाँ कई पर्यटक आएंगे, जिससे दोनों राज्यों को फायदा होगा।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के सहयोग से कई परियोजनाओं पर काम किया जाएगा, जिनमें हथिनीकुंड बैराज पर एक बांध का निर्माण भी शामिल है। इस बांध से बिजली पैदा करने के साथ ही यमुना नदी में साफ पानी का सतत् प्रवाह भी संभव हो सकेगा। इससे फसलों को भी बाढ़ जैसी स्थिति से बचाया जा सकेगा।
  • इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि आदिबद्री बांध दोनों राज्यों के लिये सिंचाई और पीने के पानी की आवश्यकता को पूरा करेगा। सरस्वती नदी में पानी के बहाव के कारण इस क्षेत्र का विकास धर्म और पर्यटन की दृष्टि से किया जाएगा।
  • उन्होंने कहा कि यह परियोजना हिमाचल प्रदेश के लिये भी बहुत उपयोगी होगी, क्योंकि पहाड़ी राज्य के लिये पेयजल की आवश्यकता हेतु 3.92 हेक्टेयर मीटर प्रति वर्ष और परियोजना प्रभावित बस्तियों की सिंचाई पानी की मांग के लिये 57.96 हेक्टेयर मीटर पानी निर्धारित किया जाएगा।
  • उन्होंने कहा कि परियोजना की पूरी फंडिंग की व्यवस्था हरियाणा सरकार द्वारा की जाएगी। दोनों राज्य सरकारें परियोजना के प्राथमिक उद्देश्यों से समझौता किये बिना, अपने स्वयं के संसाधनों से स्थानीय लोगों के कल्याण और विकास के लिये आवश्यक अन्य बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ पर्यटन परियोजनाओं को तैयार करने हेतु स्वतंत्र होंगी।
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