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मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा सरकार ने पहली बार यूएनएफसीसीसी- सीओपी में की भागीदारी

  • 17 Nov 2022
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

16 नवंबर, 2022 को एक सरकारी प्रवक्ता द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने पहली बार विश्व मंच पर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (यूएनएफसीसीसी) के कांफ्रेंस ऑफ पार्टीज (सीओपी) के 27वें सत्र में हिस्सा लिया। यह शिखर सम्मेलन, 6-18 नवंबर 2022 तक मिस्र के शर्म अल-शेख में आयोजित हो रहा है।

प्रमुख बिंदु 

  • हरियाणा के पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल इस सम्मेलन में भाग लेने के लिये शर्म-अल-शेख के दौरे पर है।
  • मिस्र के शर्म-अल-शेख में आयोजित सीओपी-27 में राज्य सरकार की ओर से ‘मिशन लाइफ’- लाइफस्टाइल फॉर एनवायरमेंट - ‘पर्यावरण के लिये जीवन शैली’को लागू करने के लिये की जा रही विभिन्न पहलों पर तैयार कार्य योजना को प्रस्तुत किया गया, जिसमें विभिन्न देशों, संयुक्त राष्ट्र संगठनों, सिविल सोसाइटी संगठनों के प्रतिभागियों तथा युवाओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
  • विदित है कि ‘मिशन लाइफ’को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस द्वारा अक्टूबर 2022 में गुजरात में दिया गया था।
  • मुख्यमंत्री मनोहर लाल, जिनके पास पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन पोर्टफोलियो भी है, के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने पर्यावरण अनुकूलन कई पहल शुरू करने के साथ-साथ प्रदेश में ग्रीन कवर को बढ़ाने के लिये ठोस कदम उठाए हैं। इसके अलावा, वन एवं शिक्षा मंत्री कंवर पाल के नेतृत्व में पौधरोपण और हरियाली अभियान में छात्रों व युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई है।
  • उल्लेखनीय है कि यूएनएफसीसीसी रियो कन्वेंशन में से एक है और 190 से अधिक सदस्य देश जलवायु परिवर्तन पर विचार करने के लिये चुनौतियों और रोड मैप पर विचार-विमर्श करने के लिये सीओपी-27 में भाग ले रहे हैं।
  • प्रवक्ता ने बताया कि सीओपी-27 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा यूके के ग्लासगो में सीओपी-26 के दौरान भारत के जलवायु परिवर्तन से संबंधित कार्य योजना और प्रतिबद्धताओं के पाँच अमृत तत्त्वों (पंचामृत) पर हरियाणा द्वारा दी जा रही पहलों को प्रस्तुत किया गया। विशेष इवेंट में हरियाणा सरकार की उन पहलों को दिखाया गया है, जो जलवायु लक्ष्यों और 2070 तक जलवायु तटस्थता के लिये भारत की प्रतिबद्धता का समर्थन करती है।
  • हरियाणा ने एग्रोफोरेस्ट्री और ट्री आउटसाइड फॉरेस्ट (टीओएफ) को बढ़ावा देने में बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है। वन क्षेत्र के तहत केवल 5 प्रतिशत के साथ वन की कमी वाला राज्य होने के बावजूद, हरियाणा का देश के प्लाईवुड उत्पादन में गैर-वन क्षेत्रों से प्राप्त कृषि आधारित लकड़ी का लगभग 50 प्रतिशत का योगदान है।
  • हरियाणा यूएसएआईडी समर्थित टीओएफआई (ट्री आउटसाइड फॉरेस्ट्स इन इंडिया) कार्यक्रम का भी हिस्सा है, जिसे भारत के सात राज्यों में लागू किया जाना है। टीओएफआई कार्यक्रम 420 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर सीक्वेस्ट्रेशन में योगदान देगा और टीओएफ के तहत 8 मिलियन हेक्टेयर नई भूमि को कवर करेगा।
  • सीओपी-27 के दौरान आयोजित विशेष इवेंट में विषयगत क्षेत्रों- जल, वायु, पृथ्वी, जंगल, ऊर्जा और अपशिष्ट से प्रयोग करने योग्य उत्पाद (वेस्ट टू वेल्थ) संरक्षण के लिये प्रक्रियाओं एवं प्रौद्योगिकियों पर अनुसंधान पर केंद्रित छह अंतर्विषयक केंद्रों की स्थापना के माध्यम से जलवायु कार्रवाई का प्रदर्शन किया जा रहा है।
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