हरियाणा सरकार ने बच्चों को शिक्षा एवं रोज़गार देने के लिये एक नया मैकेनिज्म तैयार किया | 25 Oct 2022
चर्चा में क्यों?
23 अक्तूबर, 2022 को हरियाणा सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने बच्चों को शिक्षा देने से लेकर उन्हें रोज़गार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिये एक नया मैकेनिज्म तैयार किया है।
प्रमुख बिंदु
- इसके तहत परिवार पहचान पत्र में एकत्रित नागरिकों के डाटा को आयु वर्ग के अनुसार 6 वर्गों में विभाजित किया गया है।
- प्रत्येक वर्ग का जिम्मा एक विभाग को सौंपा गया है। प्रत्येक विभाग आयु वर्ग के अनुसार उसकी शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार इत्यादि सभी योजनाओं और सेवाओं का लाभ पहुँचाने के साथ-साथ इनका संपूर्ण रिकॉर्ड भी रखेगा।
- राज्य सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वाभिमान और स्वावलंबन पर ज़ोर देते हुए प्रत्येक नागरिक का सर्वांगीण विकास व कल्याण सुनिश्चित करने हेतु यह मैकेनिज्म तैयार किया है।
- कार्य योजना के अनुसार 6 साल तक की आयु के बच्चों का जिम्मा महिला एवं बाल विकास विभाग को सौंपा गया है। विभाग इन बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा और पोषण पर विशेष ध्यान रखेगा।
- साथ ही, विभाग हर बच्चे की ट्रैकिंग भी रखेगा कि वह बच्चा 6 साल तक की आयु तक घर पर, आंगनवाड़ी में या स्कूल में जा रहा है और उसे जरूरी पोषक आहार उपलब्ध हो रहा है या नहीं।
- इसके अलावा राज्य सरकार बच्चों की डे-केयर के लिये क्रैच स्थापित करने पर भी लगातार ज़ोर दे रही है।
- बच्चों को यदि शुरुआत में ही अच्छा पोषण और शिक्षा मिलेगी तो उसकी बुनियाद मज़बूत बनेगी और वे जीवन में सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ेंगे।
- प्रारंभिक शिक्षा जितनी महत्त्वपूर्ण है, उससे भी कहीं अधिक स्कूली शिक्षा का महत्त्व है। इसलिये कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे, इस विजन के साथ अब स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 6 साल से 18 वर्ष तक की आयु वर्ग के बच्चों की देखभाल की जाएगी।
- मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देशानुसार स्कूल शिक्षा विभाग ड्रॉपआउट दर को कम करने के लिये ड्रॉपआउट नीति तैयार कर रहा है, जिसके तहत विभाग हर बच्चे को शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की विशेष ट्रैकिंग रखेगा, ताकि ड्रॉप आउट दर को कम किया जा सके।
- विभाग के पास प्रत्येक बच्चे का डाटा रहेगा कि वह स्कूल या आईटीआई या अन्य किसी संस्थान में शिक्षा ग्रहण कर रहा है या नहीं।
- इस रणनीति से राज्य सरकार को प्रत्येक बच्चे के बारे में संपूर्ण जानकारी होगी और यदि किसी कारणवश कोई बच्चा शिक्षण संस्थान से ड्रॉपआउट होता है तो सरकार उस बच्चे को वापस शिक्षण संस्थान में लाने का प्रयास करेगी।
- वहीं शिक्षा ग्रहण करने के बाद युवाओं के सामने रोज़गार की एक बड़ी समस्या होती है। इस दिशा में युवाओं की मदद के लिये राज्य सरकार ने अब विभागों को जिम्मेवारी सौंपी है।
- 18 साल से 24 साल आयु वर्ग तक के बच्चों का जिम्मा उच्चतर शिक्षा विभाग और 25 साल से अधिक आयु वर्ग का जिम्मा रोज़गार विभाग को सौंपा गया है। ये विभाग युवाओं के रोज़गार के साथ-साथ उनके कौशल विकास पर भी ज़ोर देंगे।
- शिक्षा के साथ-साथ कौशल प्रशिक्षण प्रदान करके विभाग युवाओं को रोज़गारपरक तो बनाएंगे ही, वहीं औद्योगिक इकाइयों के साथ संपर्क स्थापित कर युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध करवाने में भी समन्वयक बनेंगे।
- इन सभी गतिविधियों के लिये परिवार पहचान-पत्र अथॉरिटी द्वारा इन विभागों को हर माह डाटा प्रेषित किया जाएगा।
- उल्लेखनीय है परिवार पहचान-पत्र पोर्टल पर राज्य के 70 लाख परिवारों और 2.80 करोड़ सदस्यों का डाटा अपडेट हो चुका है। अधिकतम परिवारों का जाति, जन्म तिथि, आय का सत्यापन पूरा किया जा चुका है।