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हरियाणा सीआईडी ने साइबर अपराध जाँच कौशल बढ़ाने के लिये समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये

  • 07 Feb 2024
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

हरियाणा के आपराधिक अन्वेषण विभाग (CID) और केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी संगठन, उन्नत कंप्यूटिंग विकास केंद्र (C-DAC) ने व्यापक क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के माध्यम से साइबर अपराध जाँच में कानून प्रवर्तन कर्मियों के कौशल को बढ़ाने हेतु एक समझौता ज्ञापन (MoA) पर हस्ताक्षर किये।

मुख्य बिंदु:

  • इस कार्यक्रम में साइबर फोरेंसिक विश्लेषण, साइबर खतरे की खुफिया जानकारी और सामाजिक खुफिया तरीकों में प्रशिक्षण शामिल होगा।
  • MoA के तहत, हरियाणा CID अपनी साइबर फोरेंसिक क्षमता निर्माण और अनुसंधान पहल को मज़बूत करने के लिये C-DAC के साथ सहयोग करेगी।
  • दूसरी ओर, C-DAC सोशल मीडिया और साइबर अपराध के लिये समाधान विकसित करेगा, सशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रस्तुत करेगा तथा अनुसंधान प्रयासों के लिये सहायता प्रदान करेगा।
  • यह सहयोग साइबर अपराध से निपटने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों की क्षमताओं को मज़बूत करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।

आपराधिक अन्वेषण विभाग (CID)

  • ब्रिटिश सरकार द्वारा वर्ष 1902 में स्थापित, CID राज्य पुलिस का एक जाँच और खुफिया विभाग है। दूसरी ओर, CBI केंद्र सरकार की एक एजेंसी है।
  • CID संबंधित उच्च न्यायालयों के निर्देशानुसार हत्या, हमले, दंगा या किसी भी मामले की जाँच कर रही है।

उन्नत कंप्यूटिंग विकास केंद्र (C-DAC)

  • C-DAC आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स और संबंधित क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास करने के लिये इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) का प्रमुख अनुसंधान एवं विकास संगठन है।
  • भारत का पहला सुपरकंप्यूटर PARAM 8000 स्वदेशी रूप से (वर्ष 1991 में) सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग द्वारा बनाया गया था।
  • इसकी स्थापना वर्ष 1988 में हुई थी।
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